दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, श्रमिकों का बढ़ाया न्यूनतम वेतन

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नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार दिल्ली के अकुशल, अर्ध कुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है। जिससे उनके न्यूनतम वेतन में इजाफा होगा। सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए बढ़ती महंगाई के बीच यह बड़ा कदम उठाया गया है। इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्यत: केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है। इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन को 16506 रुपये से बढ़ाकर 16792 रुपये, अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 18187 रुपये से बढ़ाकर 18499 रुपये और कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 20019 रुपये से बढ़ाकर 20357 रुपये किया गया है। इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई गई है। इनमें गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 18187 से बढ़ाकर 18499 रुपये, मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 20019 से बढ़ाकर 20357 रुपये तथा स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 21756 से बढ़ाकर 22146 रुपये कर दिया गया है। नई वेतन एक अक्टूबर से लागू होगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्त्व में मजदूर भाइयों के हित का ध्यान रखते हुए हमने उनका महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में कोरोना के कारण समाज का हर वर्ग आर्थिक रुप से भी प्रभावित हुआ है। ऊपर से रोजमर्रा की उपभोग की वस्तुओं के लगातार बढ़ते दाम से लोगों की कमर टूट गई हैं। ऐसे में मैं उम्मीद करता हूं कि इस बढ़ोतरी से मजदूर भाइयों को सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी श्रमिकों को राहत देने के लिए हर छह महीने में लगातार महंगाई भत्ते को बढ़ाती है।

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