आप का अनुभव दर्शाता है अब प्रयोगात्मक राजनीति का समय नहीं: भाजपा

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेताओं की लगातार गिरफ्तारी ने ‘कट्टर’ ईमानदारी और ‘मूल्यों की राजनीति’ के उसके दावे की धज्जियां उड़ा दी हैं और यह परिस्थिति नागरिकों को यह ‘सोचने’ की ओर ले जाती है कि जब देश आगे बढ़ रहा है तो यह प्रयोगात्मक राजनीति का समय नहीं है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली की एक अदालत की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि उसके समक्ष रखी गई सामग्री कहीं भी नहीं दिखाती है कि आबकारी नीति मामले में राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी अनुचित और अकारण है।

यह उल्लेख करते हुए कि सिंह संसद में आप संसदीय दल के नेता हैं, जबकि पार्टी के दो अन्य वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भी भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जा चुके हैं, त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पार्टी नेताओं की लगातार गिरफ्तारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा, ”जो लोग आरोप लगा रहे हैं कि मामला निराधार है, उनके लिए राउज एवेन्यू अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि प्रथम दृष्टया, उसके समक्ष रखी गई सामग्री कहीं भी नहीं दिखाती है कि वर्तमान मामले में गिरफ्तारी अनुचित और अकारण है।

भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय राजनीति में मूल्यों को स्थापित करने का वादा करने वाली आप ‘सबसे मूल्यहीन पार्टी’ बन गई है और दिल्ली के लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह देश के नागरिकों के लिए भी सोचने का समय है। उन्होंने कहा, ”जो लोग राजनीति में नए अनुभव होने की बात करते हैं… यह अब प्रयोगात्मक राजनीति का युग नहीं है। भारत एक नई भूमिका निभाने के लिए विश्व मंच पर मजबूती से उभर रहा है।

त्रिवेदी ने दावा किया कि आप ने दिखा दिया है कि इस तरह के अनुभव कितने दुखद और खतरनाक हो सकते हैं। आप का जन्म भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से हुआ था। ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के बैनर तले तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के खिलाफ चले आंदोलन के बाद 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था। वर्ष 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार आप ने उम्मीदवार उतारे और उसने बिजली और पानी के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में आप को दिल्ली की 70 में से 28 सीटों पर जीत मिली। बाद में कांग्रेस के साथ मिलकर आप ने दिल्ली में सरकार बनाई। हालांकि यह सरकार 49 दिन ही टिक सकी। इसके बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 सीटें जीतकर सरकार बनाई। फिर 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की और अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इस समय आप की दिल्ली और पंजाब में सरकार है।

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