16-17 जनवरी को होगी भाजपा कार्यकारिणी की बैठक, नड्डा के कार्यकाल के विस्तार पर लग सकती है मुहर

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक यहां 16-17 जनवरी को होगी और इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी दी जा सकती है। जानकारी के अनुसार पार्टी के प्रमुख संगठनात्मक निकाय की बैठक में विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी जायजा लिया जाएगा। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री और देश भर के वरिष्ठ नेता शिरकत करेंगे। विपक्षी दलों में व्यापक एकता की लेकर हो रही चर्चा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में हो रही भारत जोड़ो यात्रा के मद्देनजर भाजपा इस बैठक में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकती हैं क्योंकि कांग्रेस, भाजपा पर ”घृणा और विभाजन” की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है।

सूत्रों के मुताबिक इस संदर्भ में एक प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है। पार्टी प्रमुख के रूप में नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा हो रहा है और इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि भारत को मिली जी-20 की अध्यक्षता के मौके पर सरकार द्वारा आयोजित देशव्यापी कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श बैठक के मुख्य आकर्षण में से एक होने की संभावना है, क्योंकि भाजपा इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करेगी और इस कवायद में अपने कार्यकर्ताओं को शामिल करने का खाका तैयार करेगी।

उन्होंने बताया कि हाल में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन और केंद्र में भाजपा की सरकार के कामकाज पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है। बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर संगठनात्मक चुनावों को स्थगित करने पर भी चर्चा हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, अप्रैल-मई 2024 में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पार्टी में आंतरिक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। नड्डा के पूर्ववर्ती और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारी का नेतृत्व करने के लिए कार्यकाल का विस्तार मिला था। संसदीय चुनावों के बाद ही भाजपा के संगठनात्मक चुनाव शुरू हुए और नड्डा को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया और प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान शाह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। एक अनुभवी संगठनात्मक व्यक्ति नड्डा के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेतृत्व के साथ भी अच्छे संबंध हैं और उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास हासिल है। पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि उन्होंने उस संगठनात्मक गतिशीलता को बनाए रखा है, जो भाजपा को उनके पूर्ववर्ती के कार्यकाल में मिली थी।

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