भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लगाये गये ‘बदले की राजनीति’ के आरोप को खारिज कर दिया। भाजपा ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपने कानूनी दायित्व का निर्वहन करते हुए राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रही थी क्योंकि उन्होंने विभिन्न अपराधों की भुक्तभोगी रही जिन महिलाओं का जिक्र किया, पुलिस उनका ब्योरा चाहती थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि महिलाओें ने उनसे भेंट की थी और यौन हमले का शिकार होने की बात उन्हें बतायी थी।
पात्रा ने कहा कि पुलिस के पास ऐसी घटनाओं की सूचना होनी चाहिए, यही कारण है कि दिल्ली पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है और उसका ब्योरा जानने के लिए कांग्रेस नेता से मिलने की कोशिश की है। उन्होंने यह कहते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा कि पुलिस की कानून सम्मत कार्रवाई को लेकर कांग्रेस अब चिल्ला रही है कि ”लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने दावा किया था कि वह उन महिलाओं से मिले थे जिन्होंने उनसे कहा था कि उनके साथ बलात्कार किया गया, उनके साथ छेड़खानी की गयी लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिला। दिल्ली पुलिस उसका ब्योरा मांग रही है लेकिन राहुल गांधी नहीं बता रहे हैं। यदि यह मान लिया जाए कि उन्होंने (राहुल गांधी ने) तब झूठ नहीं बोला था, तो अब इससे (अभी की आनाकानी से) इंसाफ सुनिश्चित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की कमजोरी झलकती है।
दिल्ली पुलिस राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन्हें जारी किये गये नोटिस के सिलसिले में रविवार को यहां उनके निवास पर पहुंची थी। गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था, महिलाओं पर अब भी यौन हमले हो रहे हैं। कांग्रेस ने रविवार को राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और इसे ”राजनीतिक प्रतिशोध” और ”उत्पीड़न” की हदें पार करना बताया था। कांग्रेस ने दावा किया कि राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस तरह के मामले दर्ज कर केंद्र गलत परंपरा कायम कर रहा है।