आरजी कर अस्पताल मामले में विरोध कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रदर्शनस्थल पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अचानक दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि उन्होंने चिकित्सा बिरादरी के बीच ”संदेह के बीज” बोने और ”फोटो खिंचाने के लिए” यह दौरा किया। बनर्जी लगातार जारी गतिरोध के बीच शनिवार को कनिष्ठ चिकित्सकों के धरनास्थल पर अचानक पहुंचीं और उन्हें उनकी मांगों पर गौर करने तथा दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। कोलकाता के साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएंगी क्योंकि वह लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं रखतीं।
उन्होंने कहा कि चिकित्सक बारिश के बीच सड़क पर धरना दे रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें रातों को नींद नहीं आ रही। बनर्जी ने कहा, ”मैं आपसे मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि आपकी ‘दीदी’ के तौर पर मिलने आई हूं।” पश्चिम बंगाल में भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर कहा, ”ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य भवन जाते समय रास्ते में कनिष्ठ चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन स्थल का दौरा किया, पांच मिनट का भाषण दिया, लेकिन इस दौरान न्याय के लिए नारे लगे।” उन्होंने दावा किया कि ममता ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से बातचीत नहीं की और न ही उनकी बात सुनी। मालवीय ने कहा, ”यह चिकित्सा बिरादरी के बीच संदेह के बीज बोने के लिए मीडिया में फोटो खिंचवाने का एक अवसर मात्र था।” भाजपा नेता ने बनर्जी पर ”शातिर और कपटी” होने का आरोप लगाया और कहा कि इसके लिए उनकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ”उनका आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की बलात्कार और हत्या पीड़िता को न्याय दिलाने और गतिरोध को हल करने का स्पष्ट रूप से कोई इरादा नहीं है। उनका अहंकार पश्चिम बंगाल के जन स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहा है।” अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। परास्नातक महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था।