भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के लिए सोमवार को विपक्षी पार्टी को आड़े हाथ लिया और दावा किया कि उनके खिलाफ उसकी नफरत जितनी बढ़ती है, जनता की उनके (मोदी) प्रति मोहब्बत उतनी ही बढ़ती जाती है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस के नेताओं द्वारा पूर्व में कई अवसरों पर प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई कथित अमर्यादित टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए सवाल उठाया कि क्या उसने आज तक कभी किसी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई की।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के नेताओं ने करीब 80 बार प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और अमर्यादित टिप्पणियां की हैं। उन्होंने कहा, ”बड़े दुख की बात है कि भारत के राजनीतिक इतिहास में भाषाई मर्यादा को न्यूनतम स्तर पर ले जाने की शुरुआत आज से 15 साल पहले हुई थी जब 2007 में सोनिया गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘मौत के सौदागर’ जैसे भर्त्सना योग्य शब्द का इस्तेमाल किया था। भाजपा प्रवक्ता की यह टिप्पणी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लेकर राजधानी दिल्ली में की गई एक विवादित टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में आई।
सहाय ने पार्टी की ओर से आयोजित एक विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”मोदी से आंख में आंख डालकर बात करने वाला कोई व्यक्ति है तो वह राहुल गांधी हैं। मोदी उन्हें गीदड़ भभकी से डराना चाहते हैं। हालांकि, कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा करते हुए कहा कि वह मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों से लड़ती रहेगी, लेकिन प्रधानमंत्री पर अमर्यादित टिप्पणी से सहमत नहीं है। त्रिवेदी ने कहा कि सुबोध कांत सहाय का बयान कहीं ना कहीं उसी मानसिकता का प्रतीक है, जिसके तहत पूर्व में उसके कई नेताओं ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की।
उन्होंने कहा, वह कितने भी निचले स्तर पर जाते रहें… प्रधानमंत्री मोदी का देश के प्रति कार्य करने का संकल्प और दृढ़ होता जाता है… पिछले 15 वर्षों में उत्तरोत्तर देश की जनता का आशीर्वाद हमें मिलता रहा है। आपकी नफरत मोदी जी के प्रति जितनी बढ़ती है, जनता की मोहब्बत मोदी जी के प्रति उतनी ही बढ़ती रहती है। उन्होंने कहा कि जर्मन तानाशाह हिटलर के लिए ”हिटलर इज जर्मनी एंड जर्मनी इज हिटलर” का नारा गढ़ा गया और उसी का अनुसरण करते हुए कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष देव कांत बरुआ ने ”इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा” का नारा दिया था।
उन्होंने आगे कहा, हिटलर की मानसिकता के साथ कौन जुड़ा हुआ है, यह उनके (बरुआ) बयान से साबित होता है। त्रिवेदी ने नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने को कांग्रेस द्वारा राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिए जाने के आरोप को खारिज करते हुए पलटवार किया कि विपक्षी पार्टी के नेता ही विरोध प्रदर्शनों के द्वारा केंद्रीय एजेंसी पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी कि वे ईमानदारी से जांच का सामना करें। उन्होंने कांग्रेस की तुलना गिरती हुई दीवार से की और कहा राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा को राजनीतिक प्रहार करने की आवश्यकता ही नहीं है। त्रिवेदी ने कहा, ”कांग्रेस अपने 136 साल के इतिहास में सबसे बुरे दौर में है। लगातार दो बार वह सौ का आंकड़ा नहीं छू सकी और 50 के आसपास सिमट गई। इतना ही नहीं कांग्रेस का नेतृत्व इससे पहले नायक और खलनायक बना करता था लेकिन अब वह उपहास का पात्र बना करता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपनी ‘राजशाही मानसिकता’ से बाहर आकर एक जिम्मेदार सांसद के रूप में व्यवहार करें तो उनके लिए ज्यादा बेहतर है।