नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को जीएसटी सुधारों को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए इसकी सराहना की और कहा कि इससे समाज के हर वर्ग को लाभ होगा। साथ ही पार्टी ने कांग्रेस के इस दावे पर भी पलटवार किया कि वह करों को युक्तिसंगत बनाने की कोशिश कर रही थी। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस के लंबे कार्यकाल में किसी ने भी उसे एकीकृत अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू करने से नहीं रोका था। कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा यह उल्लेख किए जाने पर कि उनके नेता राहुल गांधी लंबे समय से जीएसटी परिषद द्वारा घोषित द्वि-स्तरीय कर ढांचे की वकालत कर रहे थे, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि वह ”ला ला लैंड” (स्वप्नलोक) में जी रहे हैं और इससे उनकी पार्टी को कोई लाभ नहीं होने वाला है।
पात्रा ने संवाददाताओं से कहा, ”2014 से पहले राहुल गांधी और उनकी पार्टी को जीएसटी लागू करने से किसने रोका था? यह उनकी अपनी अक्षमता को दर्शाता है।” उन्होंने घरेलू सामान से लेकर कृषि क्षेत्र के उत्पादों और चिकित्सा उत्पादों तक कई वस्तुओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो इन सभी पर प्रस्तावित करों की तुलना में बहुत अधिक वैट (मूल्य वर्धित कर) लगाया जाता था। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक देश पर शासन किया और उसके पास जटिल कर व्यवस्था को सरल बनाने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का अवसर था, लेकिन उसके पास साहस और इरादे की कमी थी। उन्होंने कहा कि नवरात्र के पहले दिन (22 सितंबर) से जीएसटी की दरों में कटौती से देश में ‘उत्साह’ का माहौल है और इससे सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए पात्रा ने कहा कि उनकी सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिए सभी राज्यों में आम सहमति बनाने की मंशा, साहस और लोकतांत्रिक भावना दिखाई है, जबकि कांग्रेस केवल चर्चा और बहस ही कर सकती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह दावा स्वाधीनता के बाद से उसके ‘गरीबी हटाओ’ के नारे जैसा है, लेकिन उसकी सरकारें कभी गरीबी नहीं हटा सकीं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस मानती है कि गांधी परिवार के कारण ही सूर्य और चंद्रमा उगते हैं और उनके बिना भारत का कोई अस्तित्व नहीं होता। ओडिशा में पुरी के सांसद ने कहा कि जब देश खुशियों से भरा होता है, चाहे वह राम मंदिर निर्माण हो, अनुच्छेद 370 को हटाना हो या अब जीएसटी सुधार, तब शोक मनाना कांग्रेस की मानसिकता है।
पात्रा ने कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की इस आलोचना पर भी निशाना साधा कि बुधवार को सुधारों की घोषणा करने वाली जीएसटी परिषद एक औपचारिकता बनकर रह गई क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में ही इन उपायों का सार बता दिया था। भाजपा नेता ने कहा कि मनमोहन सिंह के विपरीत, मोदी एक ‘एक्सीडेंटल’ प्रधानमंत्री नहीं हैं, बल्कि काम करने वाले प्रधानमंत्री हैं और यह स्वाभाविक है कि वह अपना दृष्टिकोण सामने रखेंगे जिसे सरकार लागू करेगी। पात्रा ने कहा कि रमेश शायद इसे पसंद न करें क्योंकि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के नीतिगत फैसलों पर गहरा प्रभाव डालने वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद जैसी ‘असंवैधानिक’ संस्था ऐसे फैसले लेती थी जिनके बारे में सिंह को अक्सर जानकारी नहीं होती थी।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता को परमाणु बम और हाइड्रोजन बम बनाना बंद कर देना चाहिए और अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पात्रा ने दावा किया कि अगर राहुल चुप रहे, तो कांग्रेस की किस्मत थोड़ी चमक सकती है क्योंकि उनके भाषणों से उनकी पार्टी को ही नुकसान होगा। जीएसटी परिषद ने बुधवार को जटिल वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था में व्यापक सुधारों को सहमति दे दी, जिससे रोटी/पराठा से लेकर हेयर ऑयल, आइसक्रीम और टीवी तक आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर कर कम हो जाएंगे।