भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कांग्रेस से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या कर्नाटक में उसकी सरकार ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया और वित्तीय मंजूरी ली है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मीडिया की खबरों में कहा गया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आवास का ‘पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण’ वित्त समिति की मंजूरी के बिना किया जा रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उसने वित्तीय मंजूरी ली और आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा किया।
अगर उसने उचित प्रक्रिया का पालन किया है तो उसे सबूत पेश करना चाहिए। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास का जिक्र करते हुए कहा, अगर नहीं तो सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस दिल्ली में अपनी पुरानी सहयोगी की तरह ही नियमों एवं कानूनों को दरकिनार कर कुख्यात शीश महल प्रयोग को दोहराने का प्रयास कर रही है। राज्यसभा सदस्य त्रिवेदी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के ‘पुनर्निर्माण’ का पूरा अधिकार है लेकिन उसे पारदर्शी तरीके से पुष्टि करनी चाहिए कि क्या उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। उन्होंने कहा, अन्यथा, पहली नज़र में, यह भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण प्रतीत होता है।
त्रिवेदी ने कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा और इसे ‘बेहद चिंताजनक और शर्मनाक स्थिति’ बताया। उन्होंने कहा, कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार के भीतर भ्रष्टाचार के अभूतपूर्व स्तर को उजागर किया है। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार न केवल अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है, बल्कि दलित कल्याण योजनाओं के लिए आवंटित धन को भी डायवर्ट किया है, जिससे भ्रष्टाचार और बढ़ गया है और एसोसिएशन ने इसे स्पष्ट रूप से उजागर किया है। कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ ने आरोप लगाया है कि राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पिछली भाजपा सरकार के दौरान मौजूद भ्रष्टाचार से कहीं अधिक है।