दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के सभी 26 गैर-स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्रों को स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्रों में बदलने के लिए सरकार लागत का 90 प्रतिशत वहन करेगी जबकि शेष 10 प्रतिशत खर्च उद्योग खुद उठाएंगे। दिल्ली सरकार को पुनर्विकास की इस पहल से छह लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। केजरीवाल ने दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि और प्रगति के लिए इस परियोजना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों का बदलाव पूरा हो जाने के बाद इन क्षेत्रों को प्रतिष्ठित स्वीकृत क्षेत्र का दर्जा दिया जाएगा, जिससे व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए अनुकूल वातावरण मिलेगा।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, केजरीवाल ने एक उच्च-स्तरीय बैठक में अधिकारियों के साथ अब तक हुई प्रगति पर चर्चा की और पुनर्विकास प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रणनीति तैयार की। बैठक में गैर-स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्रों के अस्तित्व के पीछे के कारणों पर भी प्रकाश डाला गया। केजरीवाल ने औद्योगिक संघों को इन क्षेत्रों के पुनर्विकास में सहायता के लिए सरकार की तत्परता का आश्वासन दिया। वर्तमान में इन क्षेत्रों में 51,000 औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें हजारों लोग कार्यरत हैं। सरकार की इस पुनर्विकास योजना का उद्देश्य श्रमिकों और उद्यमियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है।