मणिपुर में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत अनियमितता हुई, अदालत की निगरानी में जांच हो: कांग्रेस

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कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन’ के तहत मणिपुर में अनियमितता का आरोप लगाया और कहा कि इसकी अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए। ‘इनर मणिपुर’ से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ए. बिमल अकोइजम ने यह दावा भी किया कि उनके संसदीय क्षेत्र के किसी घर में नल से जल की आपूर्ति नहीं हो रही है। उनके आरोप पर जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अकोइजम ने संवाददाताओं से कहा, ”मणिपुर में जल जीवन मिशन में घोटाले का अंदेशा है। मैं ‘दिशा’ समिति की बैठक के दौरान इस पर नज़र रख रहा हूं।

संसद के पिछले सत्र में मैंने मंत्री (सीआर पाटिल) महोदय से यह विवरण देने को कहा था कि कितने घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं।” उनका कहना था, ”मंत्री द्वारा दिए गए उत्तर में बताया गया कि अगस्त 2019 में इस योजना के शुरू होने से पहले, मणिपुर में लगभग 26,000 (ग्रामीण परिवारों का 5.74 प्रतिशत) घरों में नल से जल के कनेक्शन थे। इस योजना के शुरू होने के बाद, नल से जल के कनेक्शन वाले अतिरिक्त ग्रामीण परिवारों की संख्या बढ़कर 3,33,539 हो गई। इस प्रकार, 28 जुलाई 2025 तक, राज्य के 4,51,619 ग्रामीण परिवारों में से 3,59,459 (79.59 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों को नल से जल की आपूर्ति उपलब्ध है।” कांग्रेस सांसद के अनुसार, ”मैंने जिलावार ब्यौरा और इन पर कितना धन खर्च किया गया, इस बारे में पूछा।

मुझे बताया गया कि 1202 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है, जिसमें से केंद्र का हिस्सा 1078.82 करोड़ रुपये और राज्य सरकार का हिस्सा 124.03 करोड़ रुपये है।” उनका कहना था, ”मैं अपने क्षेत्र के जिस भी गांव का दौरा किया गया, वहां एक भी घर में नल से जल की आपूर्ति नहीं होने की जानकारी मिली। यह आधिकारिक दावों के विपरीत है।” उन्होंने कहा कि इस ‘घोटाले’ की अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए। अकोइजम ने कहा, ” मैंने मणिपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, क्योंकि यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। मैं चाहता हूं कि देश को पता चले कि मणिपुर में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत इतना बड़ा घोटाला हो रहा है।