कांग्रेस-भाजपा की मिलीभगत ने कौसर जहां को दिल्ली हज समिति चुनाव जीतने में की मदद : आप

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आम आदमी पार्टी (आप) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘मिलीभगत’ की वजह से भगवा पार्टी की उम्मीदवार कौसर जहां दिल्ली हज समिति अध्यक्ष का चुनाव जीतने में सफल हुईं। दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आप’ को बृहस्पतिवार को उस समय झटका लगा जब दिल्ली सचिवालय में हुए मतदान में समिति के पांच में से तीन सदस्यों ने जहां के समर्थन में मत दिया। जहां दिल्ली हज समिति की अध्यक्ष बनने वाली दूसरी महिला हैं। ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना पर दिल्ली हज समिति के सदस्यों को नामित करने में ‘अव्वल दर्जे की बेईमानी’ करने का आरोप लगाया। विधायक भारद्वाज ने कहा, उन्हें (उपराज्यपाल को) सदस्यों को नामित करने का अधिकार नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने किया और दिल्ली की जनता के साथ बेईमानी में शामिल हुए।

उन्होंने आरोप लगाया कि सक्सेना ने कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को समिति में नामित किया जो ‘सही नहीं था’ और अंत में उन्होंने मतदान से नदारद रहने का फैसला किया ताकि ‘भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो सके। भारद्वाज ने कहा, मैं समाचार देख रहा हूं कि पहली बार भाजपा कार्यकर्ता कौसर जहां हज समिति की अध्यक्ष बनी हैं। इसे इस तरह से पेश किया जा रहा है कि भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है, लेकिन यह केवल छह सदस्यों की संलिप्तता वाला चुनाव था।

समिति के सदस्यों में भाजपा सांसद गौतम गंभीर, आप विधायक अब्दुल रहमान और हाजी युनूस, कांग्रेस पार्षद दानिश, मुस्लिम मालों के विशेषज्ञ मोहम्मद साद और मुस्लिम स्वयं सेवक संगठनों की ओर से जहां सदस्य हैं। भारद्वाज ने दावा किया कि दानिश ने अगर भाजपा के समर्थन में मतदान किया होता तो उनसे समुदाय द्वारा सवाल पूछे जाते। उन्होंने कहा, अगर वह आप के पक्ष में मतदान करती तो मुकाबला बराबरी का होता लेकिन उन्होंने मतदान के समय अनुपस्थित होने का फैसला किया। इसका अभिप्राय है कि कांग्रेस और भाजपा में मिलीभगत थी ताकि भगवा पार्टी की विचारधारा को मानने वाली महिला का शीर्ष पद पर निर्वाचन सुनिश्चित किया जा सके।

वरिष्ठ आप नेता आतिशी ने उप राज्यपाल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सक्सेना स्वतंत्र निर्णय लेने वाली शक्ति के बजाय असंवैधानिक तरीके से फैसला ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां को तीन मत मिले जिनमें गंभीर, साद और उनका अपना मत शामिल था। भारद्वाज ने दावा किया, बैठक में बुद्धिजीवी मोहम्मद साद से उनकी डिग्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें दो-ढाई साल में यह मिलेगी। आतिशी ने कहा, उप राज्यपाल को केवल पुलिस, भूमि और कानून-व्यवस्था को छोड़कर अन्य विषयों पर स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार उप राज्यपाल मंत्रिपरिषद के परामर्श को मानने के लिए बाध्य हैं और उप राज्यपाल में स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार निहित नहीं है।

आतिशी ने कहा, उप राज्यपाल ने दिल्ली हज समिति के सदस्यों की नियुक्ति असंवैधानिक तरीके से की। उन्हें याद रखना चाहिए कि इस देश में कानून और संविधान सर्वोपरि है। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह यहां भाजपा के प्रतिनिधि नहीं हैं, वह राष्ट्रीय राजधानी के उप राज्यपाल हैं। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने कहा कि जहां की जीत दिखाती है कि पार्टी के प्रति मुस्लिमों का विश्वास और आस्था बढ़ रही है। उन्होंने ट्वीट किया, दिल्ली हज कमेटी के अध्यक्ष पद पर भाजपा उम्मीदवार कौसर जहां की जीत मुस्लिम समाज में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता और स्वीकारिता की जीत है। भाजपा समाज के सभी वर्गों को आगे ले जाने का काम कर रही है। इस जीत पर कौसर जहां और हज कमेटी को शुभकामनाएं।

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