कांग्रेस के सामने धार में आदिवासियों का भरोसा जीतकर भाजपा का गढ़ भेदने की चुनौती

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इंदौर (मध्यप्रदेश)। लोकसभा चुनाव से पहले अपने नेताओं के पाला बदलने से परेशान कांग्रेस के सामने धार निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गढ़ भेदने की चुनौती है। इस क्षेत्र में चुनाव परिणाम तय करने में आदिवासी और किसान निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। जनजातीय समुदाय के लिए आरक्षित धार सीट पर पिछले 10 साल से भाजपा का कब्जा है। इस सीट पर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को होने वाले मतदान के लिए करीब 19.50 लाख लोग पात्र हैं। भाजपा ने धार में अपने निवर्तमान सांसद छतर सिंह दरबार का टिकट काटकर पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर (45) को चुनावी रण में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने राधेश्याम मुवेल (47) पर भरोसा जताया है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता उमंग सिंघार के समर्थक मुवेल पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका दावा है कि वह 1.51 लाख वोट से चुनाव जीतकर भाजपा से धार सीट छीन लेंगे। मुवेल ने कहा, धार के मतदाता सवाल कर रहे हैं कि 2014 से 2019 के बीच सावित्री ठाकुर जब सांसद थीं, तब उन्होंने क्षेत्र के लिए आखिर क्या किया? बेरोजगारी के कारण धार जिले से पलायन के लिए आदिवासी अब भी मजबूर हैं।’

उन्होंने कहा कि सावित्री ठाकुर के पास उनकी निजी उपलब्धियों के नाम पर कुछ भी नहीं है और वह केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही हैं। मुवेल ने दावा किया कि इस बार लोकसभा चुनाव में ‘मोदी लहर’ नहीं है। कांग्रेस उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार महंगाई और बेरोजगारी जैसी बुनियादी समस्याओं से निपटने में नाकाम रही है। धार में लोकसभा चुनाव से दो महीने पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, जब पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी मार्च में इस पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। मुवेल ने कहा, अवसरवादी नेताओं के पाला बदलने से हमें लोकसभा चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस के वे ही नेता भाजपा में जा रहे हैं जो भ्रष्ट हैं। भाजपा प्रत्याशी सावित्री ठाकुर ने तीन लाख से ज्यादा मतों से अपनी चुनावी विजय का दावा किया और कहा कि वह अपने सामने मुवेल की उम्मीदवारी को कोई चुनौती नहीं मानतीं। उन्होंने कहा कि धार लोकसभा क्षेत्र में करीब 10 लाख महिला मतदाता हैं और भाजपा ने महिलाओं के हित में काफी काम किए हैं।

सावित्री ठाकुर ‘मोदी की गारंटी’ के नाम पर धार के मतदाताओं से समर्थन मांग रही हैं जहां प्रधानमंत्री ने सात मई (मंगलवार) को बड़ी चुनावी सभा को संबोधित किया था। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस 70 साल तक देश की सत्ता में रहने के बावजूद आदिवासियों को कोई फायदा नहीं पहुंचा सकी। भाजपा प्रत्याशी ने कहा, ‘कांग्रेस के राज में आदिवासी क्षेत्रों में भारी भ्रष्टाचार के कारण कुएं, सड़क और तालाब महज कागजों पर बनते थे। मोदी सरकार के कार्यकाल में इन इलाकों में धरातल पर ठोस काम किए गए हैं।’ धार लोकसभा क्षेत्र, विधानसभा की आठ सीट समेटे है जिनमें इंदौर जिले की महू सीट शामिल है। नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से पांच सीट जीती थीं, जबकि भाजपा के खाते में तीन सीट आई थीं। राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश हिंदुस्तानी ने कहा, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान धार में अच्छे प्रदर्शन के बूते कांग्रेस मौजूदा लोकसभा चुनाव में बड़ी खुशफहमी नहीं पाल सकती क्योंकि दोनों चुनावों का गणित एकदम अलग होता है। धार के मतदाताओं से बातचीत पर पता चलता है कि उनके लिए लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय विषयों के साथ ही भोजशाला विवाद, रेल परियोजनाएं और औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दिए जाने के मुद्दे भी महत्वपूर्ण हैं।

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