सरकार चाहती है कि विपक्ष जेपीसी की मांग वापस ले तो वह राहुल से माफी की मांग से पीछे हट जाएगी: कांग्रेस

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कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि सरकार चाहती है कि विपक्ष अडाणी मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग वापस ले ले तो वह भी राहुल गांधी से माफी की मांग से पीछे हट जाएगी, लेकिन यह फार्मूला उसे स्वीकार नहीं है क्योंकि जेपीसी को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी को लोकसभा में नियम 357 के तहत अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है तो संसद में गतिरोध खत्म करने को लेकर बातचीत हो सकती है।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ”पिछले तीन-चार दिनों से प्रयास किया जा रहा है कि एक फार्मूला ढूंढा जाए, बीच का रास्ता ढूंढा जाए कि विपक्ष जेपीसी की मांग वापस ले ले तो भाजपा राहुल गांधी जी से माफी मांग वापस ले लेगी। यह हमें बिल्कुल भी मंजूर नहीं है…यह फार्मूला हम स्वीकार नहीं करते हैं। रमेश ने यह भी कहा कि इस फार्मूले के बारे में सरकार की तरफ से विपक्ष को औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन इस बारे में अनौपचारिक रूप से पता चला है। उनका कहना था कि राहुल गांधी से माफी की मांग बेबुनियाद है क्योंकि उन्होंने ब्रिटेन में ऐसा कुछ बयान ही नहीं दिया जिसके लिए उन्हें माफी मांगने की जरूरत पड़े।

कांग्रेस नेता का कहना था कि राहुल गांधी की टिप्पणी के मामले का और अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी की मांग का आपस में कोई संबंध नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को नियम 357 के तहत अपनी बात सदन में रखने का मौका दिया जाता है तो फिर गतिरोध खत्म करने को लेकर बातचीत हो सकती है। उनका कहना है कि अतीत में एक बार जब कांग्रेस के नेता के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ आरोप लगाए थे तो रविशंकर प्रसाद को इसी नियम के तहत लोकसभा में जवाब देने का अवसर मिला था। रमेश ने कहा, ”सरकार के कई मंत्रियों ने निराधार आरोप लगाए हैं और राहुल गांधी को इनका जवाब देने का अवसर मिलना चाहिए। काग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि संसद के दोनों सदनों में गतिरोध के लिए सरकार जिम्मेदार है और वह अडाणी मामले से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा, ”हम अडाणी घोटाले पर जेपीसी के गठन की मांग से पीछे नहीं हटेंगे। यह बात हम बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहते हैं। गत 13 मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार सात कामकाजी दिनों तक लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही और कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्य नहीं हो सका। विपक्षी दल अडाणी समूह के मामले में जेपीसी गठित करने की मांग पर अड़े हुए हैं। दूसरी तरफ, सत्तापक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहा है।

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