केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षण का अधिकार छीनने वाले जन कल्याण का पाठ पढ़ा रहें हैं: खरगे

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों का हवाला देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का “सबका साथ, सबका विकास” का नारा सामाजिक न्याय की लड़ाई का मख़ौल उड़ाता है। खरगे ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि जो केंद्रीय विश्विद्यालय में अध्यापकों के आरक्षण का हक़ छीन रहें हैं, वो दूसरों को जन-कल्याण का पाठ पढ़ा रहें हैं। कांग्रेस प्रमुख ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “जो केंद्रीय विश्विद्यालय में अध्यापकों के आरक्षण का हक़ छीन रहें हैं, वो दूसरों को जन-कल्याण का पाठ पढ़ा रहें हैं।

आरटीआई से पता चला है कि 46 केंद्रीय विश्विद्यालयों के 18,940 स्वीकृत पदों में से 27 प्रतिशत शिक्षकों के पद ख़ाली हैं।” उन्होंने दावा किया कि इनमें 38 प्रतिशत से ज़्यादा एसी, एसटी, ओबीसी आरक्षित पद ख़ाली पड़े हैं। खरगे के मुताबिक, केंद्रीय विश्विद्यालयों में एससी के 32.1 प्रतिशत, एसटी के 40.3 प्रतिशत और ओबीसी के 41.8 प्रतिशत पद ख़ाली हैं। उन्होंने दावा किया, “प्रोफ़ेसर श्रेणी के 55 प्रतिशत पद ख़ाली पड़े हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 71 प्रतिशत शिक्षण पद ख़ाली हैं। गैर-शिक्षकों के 35,640 पदों में भी 47 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त हैं। ” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार का “सबका साथ, सबका विकास” नारा सामाजिक न्याय की लड़ाई को ठेंगा दिखाकर मख़ौल उड़ाता है।