कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मणिपुर दौरे को लेकर शनिवार को दावा किया कि हिंसा के 864 दिनों बाद सिर्फ तीन घंटे के लिए जाना आत्म-प्रशंसा का स्टंट और राज्य की पीड़ित जनता का घोर अपमान है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री पर संवैधानिक उत्तरदायित्व का परित्याग करने का भी आरोप लगाया और तंज कसते हुए यह सवाल किया कि आपका राजधर्म कहां है? प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को मणिपुर के दौरा किया।
उन्होंने मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। वर्ष 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद मोदी का यह पहला मणिपुर दौरा था। खरगे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, नरेन्द्र मोदी जी, मणिपुर में आपका 3 घंटे का दौरा करुणा नहीं है, बल्कि यह प्रहसन, प्रतीकात्मकता और पीड़ित लोगों का घोर अपमान है। आज इंफाल और चूड़ाचांदपुर में आपका तथाकथित रोड शो, राहत शिविरों में लोगों की चीखें सुनने से कायरतापूर्ण तरीके से मुंह फेरने के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंसा के 864 दिन हो गए, 300 लोगों की जान गई, 67,000 लोग विस्थापित हुए और 1,500 से अधिक लोग घायल हुए। खरगे ने कहा, आपने तब से 46 विदेश यात्राएं कीं, लेकिन अपने ही नागरिकों के साथ सहानुभूति के दो शब्द साझा करने के लिए एक भी यात्रा नहीं की।
आपकी मणिपुर की आखिरी यात्रा। जनवरी, 2022 में हुई थी और वह भी चुनाव के लिए थी। उन्होंने दावा किया, आपके डबल इंजन ने मणिपुर की निर्दोष जिंदगियों पर बुलडोज़र चला दिया है। आपकी और गृह मंत्री अमित शाह की घोर अक्षमता और सभी समुदायों को धोखा देने में संलिप्तता को राष्ट्रपति शासन लगाकर छानबीन के दायरे से बचा लिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद भी हिंसा जारी है। उन्होंने कहा, यह न भूलें, वह आपकी ही सरकार है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा गश्त के लिए जिम्मेदार है। यह चुपचाप यात्रा करना पश्चाताप नहीं है। यह अपराधबोध भी नहीं है। खरगे ने कहा, आप अपने लिए एक भव्य स्वागत समारोह का आयोजन कर रहे हैं। यह उन लोगों के घावों को कुरेदना है, जो अभी भी आपके बुनियादी संवैधानिक उत्तरदायित्वों के परित्याग के कारण पीड़ित हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, आपके ही शब्दों में… कहां है आपका राजधर्म?
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, प्रधानमंत्री मोदी की आज की मणिपुर यात्रा इस बात का प्रदर्शन है कि एक नेता में सहानुभूति और करुणा की कितनी कमी हो सकती है। उन्होंने कहा, मणिपुर 2023 से जल रहा है और उन्हें आज वहां जाने का समय मिला, वो भी ढाई साल बाद। यह यात्रा भी आधे-अधूरे मन से की गई है, जिसमें उन्होंने बमुश्किल कुछ ही घंटे बिताए हैं और इसे मिजोरम की यात्रा के साथ जोड़ दिया गया। वेणुगोपाल ने दावा किया कि न तो उनकी सरकार ने गृह युद्ध का कारण बनी गहरी सामाजिक दरार को दूर करने के लिए कोई समाधान प्रस्तुत किया है, न ही उनके पास युद्धरत समूहों को एक साथ लाने और शांति के लिए वास्तविक प्रयास करने का साहस है। कांग्रेस नेता ने कहा, इसके बजाय, वह इसे किसी भी अन्य प्रचार कार्यक्रम की तरह मान रहे हैं। इस तरह का असंवेदनशील और आत्म-प्रशंसा करने वाला स्टंट मणिपुर के लोगों का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं होगा। वेणुगोपाल ने कटाक्ष किया, आज जब यह विलंबित, चेहरा बचाने वाली कवायद हो रही है, तो यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या जो लोग हर दिन नफ़रत फैलाते हैं, वे कभी शांति के दूत बन सकते हैं?