सीपी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर ली शपथ

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चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त समारोह में 67 वर्षीय राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। लाल कुर्ता पहने राधाकृष्णन ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में शपथ ली। इसके बाद सीपी राधाकृष्णन ने राज्यसभा के सभापति के रूप में भी पदभार ग्रहण किया।राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के कारण यह चुनाव जरूरी हो गया था।

शुभचिंतकों द्वारा पचाई तमिझन (सच्चे तमिल) कहे जाने वाले राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सेवा दे रहे थे, जब उन्हें भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पहली पंक्ति में बैठे थे। शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे।शपथ दिलाने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर उपराष्ट्रपति के सफल कार्यकाल की कामना की। मोदी ने लिखा, सी.पी. राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित हुआ। एक समर्पित लोक सेवक के रूप में, उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र निर्माण, समाज सेवा और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित कर दिया। जनता की सेवा के लिए समर्पित, उनके सफल उपराष्ट्रपति कार्यकाल की कामना करता हूं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने पर सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी। शाह ने कहा कि उनका व्यापक ज्ञान और अनुभव लोगों की बेहतर सेवा करने के लिए हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को और मजबूत करेगा।

उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद राधाकृष्णन ने संसद भवन परिसर स्थित प्रेरणा स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। यहां राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उनका स्वागत किया। प्रेरणा स्थल पर भारत के प्रख्यात नेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों की मूर्तियां स्थापित हैं। बाद में, राधाकृष्णन राज्यसभा के सभापति के कार्यालय गए और उच्च सदन के पीठासीन अधिकारी का कार्यभार ग्रहण करने के संबंध में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर घोषणा की कि राधाकृष्णन 12 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद पर आसीन हो गए हैं।