चुनी हुई सरकार के फैसलों का सम्मान नहीं करना है तो चुनाव क्यों कराए गए? सिब्बल का सवाल

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राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता की वकालत की। सिब्बल ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह उच्चतम न्यायालय के आदेश को रद्द करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि हालांकि उच्चतम न्यायालय निस्संदेह इसे जल्द ही रद्द कर देगा। सिब्बल ने सवाल किया कि यदि चुनी हुई सरकार के फैसलों का सम्मान नहीं करना है तो चुनाव क्यों कराए गए और दिल्ली में विधानसभा और मंत्रिमंडल का गठन क्यों किया गया।

उन्होंने कहा, यह निर्वाचित सरकार की स्वायत्तता और अधिकार को गंभीर रूप से सीमित करता है, लोकतांत्रिक शासन के महत्व को कम करता है। दिल्ली सरकार ने इस असंवैधानिक अध्यादेश को सही चुनौती दी है और उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसे रद्द कर देगा। सिब्बल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा यहां आयोजित ‘महारैली’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र काम कर रहा है, लोकतंत्र में किसी अन्य सरकार या पार्टी के अस्तित्व के लिए बहुत कम जगह बची है। रैली को संबोधित करते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाजपा को भारतीय जुगाड़ पार्टी” बताया। उन्होंने कहा कि इस रैली का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि कैसे उनके अधिकार छीने जा रहे हैं।

मान ने कहा कि लोग अपने पसंदीदा नेताओं को वोट देते हैं और सुशासन की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा, भाजपा किसी भी ऐसी सरकार या पार्टी को काम नहीं करने देती है जो उसके एजेंडे से मेल नहीं खाती। भाजपा जुगाड़ की राजनीति में माहिर हो गई है। वे अन्य दलों के विधायक खरीदते हैं, उपचुनावों में हेरफेर करते हैं, और यहां तक कि प्रदेशों में राज्यपाल और उपराज्यपाल का इस्तेमाल करके लोगों पर अपना पसंदीदा मुख्यमंत्री थोपते हैं।

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