मोदी की डिग्री पर गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले से स्तब्ध हैं लोग : केजरीवाल

27
189

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अकादमिक योग्यता के बारे में जानने का अधिकार रखने वाले लोग गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले से ”स्तब्ध” हैं। गौरतलब है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 2016 के एक आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था। न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) में राशि जमा करने का निर्देश दिया।

केजरीवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”पूरा देश उच्च न्यायालय के फैसले से हैरान है क्योंकि लोकतंत्र में सूचना मांगने और सवाल पूछने की आजादी होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, उच्च न्यायालय के आदेश ने प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर संदेह बढ़ा दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने गुजरात विश्वविद्यालय या दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की होती तो वे इस जानकारी को छिपाने के बजाय इसका जश्न मना रहे होते। उन्होंने पूछा, अगर मोदी की कोई वैध डिग्री है तो गुजरात विश्वविद्यालय इसे दिखा क्यों नहीं रहा है। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय के प्रधानमंत्री की अकादमिक योग्यता पर सूचना न देने की दो वजहें हो सकती हैं – यह मोदी का अहंकार हो सकता है या उनकी डिग्री फर्जी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अशिक्षित होना कोई ”अपराध या पाप” नहीं है क्योंकि देश में बहुत ज्यादा गरीबी है। उन्होंने कहा, ”हम में से कई अपने परिवार की वित्तीय हालत के कारण औपचारिक शिक्षा पाने की स्थिति में भी नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी देश में इस तरह की गरीबी है। केजरीवाल ने मोदी की शिक्षा पर सवाल पूछते हुए कहा कि यह सवाल अनिवार्य है क्योंकि देश का ”शीर्ष प्रबंधक” होने के कारण मोदी को विज्ञान और अर्थव्यवस्था समेत कई विषयों पर हर दिन कई महत्वपूर्ण फैसले लेने होते हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ”अगर प्रधानमंत्री शिक्षित नहीं हैं तो अधिकारी और विभिन्न प्रकार के लोग आएंगे और कहीं भी उनसे हस्ताक्षर करवा लेंगे, उनसे कुछ भी पारित करा लेंगे, जैसे कि नोटबंदी का फैसला जिसके कारण देश को काफी कुछ झेलना पड़ा। अगर प्रधानमंत्री शिक्षित होते तो वह नोटबंदी लागू नहीं करते।

27 COMMENTS

  1. This is a keynote which is in to my fundamentals… Numberless thanks! Faithfully where can I notice the contact details due to the fact that questions? site

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here