दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह लोगों के लिए दिल्ली सरकार की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ वापस लिए बिना आयुष्मान भारत योजना के लाभों को शामिल करने के लिए एक तंत्र विकसित करे। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार सैद्धांतिक रूप से केंद्र की आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ विरोधाभास और समस्याएं हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सात सांसदों की याचिका पर आम आदमी पार्टी की सरकार से जवाब मांगा, जिसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के कार्यान्वयन की मांग की गई है। आतिशी ने कहा कि एबी-पीएमजेएवाई के कार्यान्वयन में समस्याएं इसलिए उत्पन्न हो रही हैं क्योंकि दिल्ली सरकार पहले से ही अपने अस्पतालों में व्यापक मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा, ” आयुष्मान भारत के तहत छूट इस प्रणाली से मेल नहीं खाती। सरकार किसी से भी मुफ्त चिकित्सा सुविधा छीनना नहीं चाहती। इसलिए, स्वास्थ्य विभाग को एक ऐसी व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि दिल्ली में कोई भी व्यक्ति वर्तमान में प्राप्त मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहे और साथ ही आयुष्मान भारत के लाभों को भी इसमें शामिल किया जा सके।’
भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर उनकी पार्टी अगले साल विधानसभा चुनावों के बाद दिल्ली में सरकार बनाती है, तो वह पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान भारत योजना को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली विधानसभा में घोषणा करने के बावजूद आप सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना को अभी तक दिल्ली में लागू नहीं किया गया है। भाजपा सांसदों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि उनकी पार्टी एबी-पीएमजेएवाई के कार्यान्वयन की मांग को लेकर एक दिसंबर से सात दिसंबर तक दिल्ली में हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी।