दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी सरकार पूर्वी दिल्ली स्थित ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज’ (इहबास) को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्जीवित करेगी। मुख्यमंत्री ने संस्थान का औचक निरीक्षण करने के बाद आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने इस महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान की उपेक्षा की। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल प्रतिदिन 2,500 से 3,000 ओपीडी मरीजों को देखता है, लेकिन यहां मूलभूत जांच सुविधाओं की कमी है। उन्होंने कहा कि सरकार संस्थान में महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक अवसंरचना की व्यवस्था करेगी। गुप्ता ने कहा, ”यह अस्पताल न सिर्फ दिल्ली, बल्कि एनसीआर के मरीजों को भी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के लिए इलाज उपलब्ध कराता है।
मुझे इहबास को लेकर कई शिकायतें मिली थीं। यहां 2012 से एमआरआई मशीन नहीं है और सीटी स्कैन मशीन भी उपलब्ध नहीं है। एक्स-रे की सुविधाएं भी सीमित हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस संस्थान के लिए नए भवन का निर्माण करेगी और चालू वित्त वर्ष में एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन जैसी जांच सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले अस्पताल के लिए एक नई ओपीडी का निर्माण किया जाएगा, जिसके बाद मुख्य इमारत का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विषम परिस्थितियों के बावजूद मरीजों का इलाज करने के लिए चिकित्सकीय टीम की सराहना भी की।