दिल्ली विश्वविद्यालय(delhi university) में आज से ऑफलाइन क्लासेज(offline classes) शुरू हो गयी है। छात्र दोस्तों से मिलने और कॉलेज में क्लास लेने के लिए उत्साहित है। साथ ही छात्रों ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई अच्छी नहीं थी। हालांकि, कुछ कॉलेजों ने पहले वर्ष की कक्षाएं ऑनलाइन ही लेने का फैसला लिया है। ऐसे में यूजी पीजी के अंतिम वर्ष के छात्रों ने भी ऑनलाइन कक्षाओं को जारी रखने की मांग उठाई है। छात्रों के एक वर्ग ने खासकर अंतिम वर्ष की कक्षाओं को हाइब्रिड मोड में आयोजित करने की मांग की है। इसके लिए छात्रों की ओर से एक ऑनलाइन याचिका की शुरुआत की गई है।
कुछ कॉलेज प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए हाइब्रिड प्रारूप में कक्षाएं आयोजित करेंगे जबकि दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों को व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में भाग लेने के लिए आना होगा। इस कारण से बाहरी राज्यों में रहने वाले छात्रों के लिए संकट पैदा हो गया है। छात्रों को आवास की समस्या से जूझना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि अब जब मार्च में ओबीई(ओपन बुक एग्जाम) परीक्षाएं शुरु होनी है। ऐसे में अब ऑफलाइन कक्षाएं शुरु करने का कोई मतलब नहीं है। ऑफलाइन कक्षाएं शुरु होने से छात्रों को एक-दो महीने के लिए आवास की व्यवस्था करनी पड़ रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के बाहरी राज्यों में रहने वाले अंतिम वर्ष के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों ने एक ऑनलाइन याचिका चेंज डॉट ओआरजी शुरू की है। इसमें कहा गया है कि उन्हें सिर्फ दो महीने के लिए वापस नहीं बुलाया जाना चाहिए। कुलपति, रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, छात्र कल्याण डीन को संबोधित करते हुए शुरु की गई इस याचिका पर 40 हजार से अधिक लोग हस्ताक्षर कर चुकेहैं। अंतिम वर्ष की तान्या केअनुसार छात्रों को सिर्फ दो महीने के लिए वापस नहीं बुलाया जाना चाहिए। चूंकि परीक्षाएं करीब आ रही हैं और हम लगभग सेमेस्टर के अंत में हैं और मध्य सेमेस्टर के ब्रेक भी करीब हैं इसलिए सिर्फ कुछ महीनों के लिए आवास की व्यवस्था करने का कोई मतलब नहीं है। कॉलेज प्रिंसिपल की अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने की कोई योजना नहीं है। केवल कुछ कॉलेज पहले वर्ष के छात्रों के लिए ही ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने का विकल्प दे रहे हैं।