दिल्ली सरकार के ”इनोवेशन चैलेंज” को मिले 265 से अधिक नवाचार सुझाव

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प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार की पहल ‘इनोवेशन चैलेंज’ को बेहद दिलचस्प सुझाव मिले हैं जिनमें सूरज की रोशनी से हवा में घुले प्रदूषक कणों का विघटन करने वाली ‘फोटोकैटलिटिक कोटिंग्स’, बिना बिजली संचालित पर्यावरण-अनुकूल पैनल, प्रदूषण के पूर्वानुमान के लिए कृत्रिम मेधा आधारित मॉडल और इमारतों पर हरित आवरण जैसी तकनीकें शामिल हैं। इस पहल के तहत अब तक सरकार को 265 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। पिछले महीने पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह पहल शुरू की थी। इसमें आम जनता, स्टार्टअप्स और शोध संस्थानों को शहर में ‘पार्टिकुलेट मैटर’ (पीएम2.5 और पीएम10) जैसे प्रदूषक कणों को कम करने के लिए तकनीकी समाधान भेजने के लिए आमंत्रित किया गया।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की अगुवाई में जारी इस कार्यक्रम में देशभर के नवोन्मेषकों, तकनीक डेवलपर्स, शोध संस्थानों, विश्वविद्यालयों और पंजीकृत संस्थाओं के लिए भाग लेने का मौका खुला है। दस अक्टूबर को वेबसाइट शुरू होने के बाद से विभाग को लगातार नए-नए सुझाव मिल रहे हैं। अधिकारियों ने इन्हें दिल्ली की प्रदूषित हवा से निपटने के लिए नवाचार की लहर बताया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह पोर्टल वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने और आस-पास की हवा को साफ करने के लिए नई तकनीक जुटाने के मकसद से बनाया गया है।

इसमें अब तक कई तरह के सुझाव आए हैं, जैसे कृत्रिम मेधा आधारित धूल पूर्वानुमान मॉडल, इमारतों पर हरित आवरण और बाहर की हवा साफ करने वाली मशीनें, जिन्हें ट्रकों पर लगाया जा सकता है ताकि धुंध और प्रदूषण वाले इलाकों में हवा साफ की जा सके। अधिकारी के अनुसार, 265 से अधिक सुझावों में से 68 (25 प्रतिशत से अधिक) सुझाव ए-श्रेणी में वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिए गए, जबकि 197 (करीब 75 प्रतिशत) सुझाव खुले वातावरण की हवा को साफ करने से संबंधित हैं।