दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा कि वे 2,000 रुपये से कम के ऑनलाइन लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के केंद्र के प्रस्ताव का विरोध करेंगे क्योंकि इससे ‘स्टार्ट-अप’ पर बोझ पड़ेगा। आतिशी ने यह भी दोहराया कि सोमवार को जीएसटी परिषद की बैठक में वे शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्राप्त अनुसंधान अनुदान पर जीएसटी लगाने का विरोध करेंगी। उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, “जीएसटी परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठेंगे। पहला और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा अनुसंधान अनुदान पर जीएसटी है। आईआईटी दिल्ली और पंजाब विश्वविद्यालय सहित बड़े शैक्षणिक संस्थानों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं, यह गलत है, अनुसंधान देश के विकास में एक निवेश है।
उन्होंने कहा कि केंद्र न केवल अनुसंधान अनुदान में कटौती कर रहा है, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अनुदान प्राप्त करने पर जीएसटी भी लगा रहा है। मंत्री ने कहा कि 2,000 रुपये तक के ऑनलाइन भुगतान को जीएसटी से छूट दी गई थी, लेकिन अब चर्चा है कि ‘पेमेंट गेटवे’ के माध्यम से किए गए ऑनलाइन भुगतान पर भी जीएसटी लगेगा।
जीएसटी परिषद की बैठक से पहले उन्होंने कहा, “इससे ‘स्टार्ट-अप’ पर बोझ पड़ेगा।” सोमवार को जीएसटी परिषद की बैठक में बीमा प्रीमियम पर कराधान, दरों को युक्तिसंगत बनाने पर जीओएम के सुझाव और ऑनलाइन गेमिंग पर वस्तु स्थिति रिपोर्ट सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। जीएसटी परिषद की अध्यक्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं और इसमें राज्यों के मंत्री शामिल हैं।