नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में छह हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है। सिसोदिया ने इस संबंध में बुधवार को उपराज्यपाल को एक पत्र लिखकर यह मांग की। सिसोदिया ने उपराज्यपाल पर सरकार के कामों में ‘हस्तक्षेप’ करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के खिलाफ ‘फर्जी जांच’ कराने के लिए भी उन पर निशाना साधा। उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उन्होंने दो महीने पहले ही उपराज्यपाल को एमसीडी में भ्रष्टाचार के बारे में अवगत कराया था, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।
सिसोदिया ने कहा, मैं आपका ध्यान एमसीडी में छह हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के संबंध में अपने पहले के पत्र की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। आपने उस मामले की सीबीआई जांच का आदेश नहीं दिया जो मैंने दो महीने पहले उठाया था। लेकिन, आप सरकार के कामों को रोकने के लिए फर्जी मामलों की जांच के आदेश देकर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं लेकिन आप एमसीडी में भ्रष्टाचार नहीं देख पा रहे हैं। सिसोदिया ने उपराज्यपाल को हिंदी में लिखे पत्र में कहा, आप जनता के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय निर्वाचित सरकार के कार्यों में अवैध रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं।
मैं आपसे एमसीडी घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश देने का अनुरोध करता हूं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि संविधान ने उपराज्यपाल को दिल्ली पुलिस के कामकाज को सुव्यवस्थित करने की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन शहर में अपराध बढ़ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल सक्सेना को यह भी याद दिलाने की कोशिश की कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के प्रमुख होने के नाते उनके पास इसे प्रबंधित करने की जिम्मेदारी है, लेकिन इसकी जमीन पर माफिया का कब्जा हो रहा है। सिसोदिया ने कहा, यदि आप (उपराज्यपाल) दिल्ली में दुष्कर्मों की घटनाओं को रोकने और अपराधों को कम करने में ऐसी ही समान रुचि दिखाएंगे, तो लोग केवल दो से चार महीनों में राहत महसूस करेंगे। यदि आप जमीनों को माफियाओं से मुक्त करवाते हैं, तो इसका उपयोग जन कल्याणकारी योजनाओं जैसे कि स्कूल और अस्पताल निर्माण के लिए किया जा सकता है।