दवाओं की अनुपलब्धता से संबंधित जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बंद की कार्यवाही

36
212

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजन बाबू फेफड़े एवं क्षय रोग संस्थान में दवाओं की कथित अनुपलब्धता से संबंधित एक जनहित याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी है। अदालत को सूचित किया गया है कि शहर में मौजूदा भंडार कुछ सप्ताह तक चलेगा और शेष आपूर्ति की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद अदालत ने याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी। केंद्र सरकार और दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक ने अदालत में हलफनामा दायर किया जिसमें दिल्ली के भंडारण गृहों में दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ उनकी आपूर्ति का विवरण दिया गया है। इस साल की शुरुआत में दायर अपनी जनहित याचिका में एनजीओ ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ ने आरोप लगाया था कि अस्पताल में एकमात्र अल्ट्रासाउंड मशीन काम नहीं कर रही है और पिछले छह महीनों से आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अशोक अग्रवाल ने दलील दी थी कि गरीब मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी. एस. अरोड़ा की पीठ ने 21 मई को मामले में पारित अपने आदेश में कहा, “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 4 एफडीसी (ए) दवा का भंडार एक महीने के लिए पर्याप्त है और 3 एफडीसी (ए) दवा का भंडार तीन सप्ताह के लिए पर्याप्त है और बाकी आपूर्ति की प्रक्रिया जारी है, वर्तमान याचिका निस्तारित की जाती है।” केंद्र ने पहले अदालत को आश्वासन दिया था कि टीबी रोधी दवाओं की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जमीनी स्तर पर रोगी की देखभाल प्रभावित न हो। अल्ट्रासाउंड मशीन के संबंध में एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) के वकील ने आश्वासन दिया कि संस्थान में अल्ट्रासाउंड मशीन पूरी तरह काम कर रही है।

36 COMMENTS

  1. You can conserve yourself and your family by being heedful when buying prescription online. Some pharmacy websites manipulate legally and sell convenience, solitariness, rate savings and safeguards over the extent of purchasing medicines. http://playbigbassrm.com/fr/

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here