जिला अदालतों के ‘रिकॉर्ड रूम’ की स्थिति ‘गंभीर’: दिल्ली उच्च न्यायालय

0
31

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि जिला अदालतों के रिकॉर्ड रूम की स्थिति अच्छी नहीं है और रिकॉर्ड को जल्द से जल्द छांटने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के अलावा नियमित आधार पर निगरानी की जानी चाहिए। ‘रिकॉर्ड रूम’ में मामले के दस्तावेज रखे जाते हैं। उच्च न्यायालय ने दिल्ली की सभी जिला अदालतों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को अपने-अपने जिलों में मामले के रिकॉर्ड की छंटनी की प्रगति की निगरानी करने और इस संबंध में प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया। रिकॉर्ड की छंटनी के संबंध में, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी. एस. अरोड़ा की पीठ को दिल्ली उच्च न्यायालय प्रशासन के वकील ने सूचित किया कि आवश्यक संशोधन पहले ही किए जा चुके हैं।

वकील ने बताया कि प्रत्येक जिला अदालत में छंटनी की निगरानी के लिए समितियां गठित की गई हैं और लगभग 52,000 फाइल पहले ही हटा दी गई हैं। जनवरी से मार्च 2024 तक की त्रैमासिक रिपोर्ट के अनुसार, सभी जिला अदालतों से कुल 1,91,512 फाइल की छंटाई के लिए पहचान की गई है और अब तक 52,167 दाखिल फाइल को छांट दिया गया है। पीठ ने कहा, ‘यह अदालत हालांकि इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकती है कि जिला अदालतों के रिकॉर्ड रूम की स्थिति गंभीर है और रिकॉर्ड की छंटनी की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने और नियमित आधार पर निगरानी करने की आवश्यकता है। इसने सभी जिला अदालतों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को इस अदालत में त्रैमासिक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा । उच्च न्यायालय दिल्ली की जिला अदालतों में चल रहे मामलों में दस्तावेजों और विविध आवेदनों को दाखिल करने की प्रशासनिक प्रक्रिया से संबंधित एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here