दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार को दिल्ली मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के गैर-आधिकारिक सदस्यों के पदों को भरने के लिए यथाशीघ्र कदम उठाने का निर्देश दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू की पीठ ने कहा कि एक बार प्राधिकरण का गठन हो जाने के बाद, वह मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के अनुसार समीक्षा बोर्डों के गठन के लिए शीघ्र कदम उठाएगी। पीठ में न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला भी शामिल थे। पीठ ने स्पष्ट किया कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने से प्राधिकरण और बोर्ड के गठन की प्रक्रिया बाधित नहीं होगी।
अदालत ने 12 दिसंबर को यह आदेश दो याचिकाओं पर सुनवाई के बाद पारित किया। इन याचिकाओं में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण दिल्ली के साथ-साथ जिला मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड के गठन सहित मानसिक स्वास्थ्य कानून के प्रावधानों को लागू कराने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि 27 नवंबर को दिल्ली सरकार ने दिल्ली मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के गठन के लिए सात पदेन सदस्यों की नियुक्ति की थी और अधिसूचना के कहा गया था कि गैर-आधिकारिक सदस्यों का चयन समय आने पर किया जाएगा।