दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर आम आदमी पार्टी (आप) नेता अमानतुल्ला खान से बृहस्पतिवार को जवाब मांगा जिसमें दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन मामले में उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से अधीनस्थ अदालत के इनकार और रिहाई के आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने ओखला से ‘आप’ के विधायक को नोटिस जारी कर मामले को 21 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। न्यायाधीश ने अधीनस्थ अदालत से भी उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई की तारीख के बाद तक कार्यवाही स्थगित करने को कहा।
ईडी के वकील ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि निचली अदालत ने खान और उनकी पत्नी के खिलाफ अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोपपत्र) पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है, जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को मामले की सुनवाई होनी है। अधीनस्थ अदालत ने पिछले साल धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत धन शोधन के कथित अपराध के लिए खान के खिलाफ संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था और उन पर मुकदमा चलाने के लिए अपेक्षित मंजूरी के अभाव का हवाला दिया गया था।
ईडी ने 29 अक्टूबर, 2024 को 110 पृष्ठ की पहली अनुपूरक अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र के समान) दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार के जरिए धन अर्जित किया। खान को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दो सितंबर, 2024 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने दिल्ली के ओखला इलाके में स्थित उनके आवास की तलाशी ली थी।