आतंकवाद रोधी कानून में सजा पाए अभियुक्त की अर्जी पर एनआईए से दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

0
164

दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा दोषसिद्धि एवं सात साल की कैद की सजा के विरूद्ध अभियुक्त की अर्जी पर शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी का रूख जानना चाहा। निचली अदालत ने उसे भारत में आईएसआईएस का अड्डा कायम करने तथा आतंकवादी हमले की साजिश रचने में लिप्त रहने को लेकर कठोर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत यह सजा सुनायी थी। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनूप जयराम भम्भानी ने अभियुक्त मोहसिन इब्राहिम सैयद की याचिका पर नोटस जारी किया। सैयद ने अनुरोध किया है कि उसकी सजा एक अन्य मामले में ग्रेटर मुंबई की एक अदालत द्वारा उसे सुनायी गयी सजा के साथ-साथ चलनी चाहिए। न्यायमूर्ति भम्भानी ने एनआईए के वकील से कहा कि छह सप्ताह में जवाब दाखिल कीजिए।

दो जून, 2022को निचली अदालत ने उसे भादंसं और अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत अपराधों को लेकर सात साल की सजा सुनायी थी। एनआईए का आरोप है कि आईएसआईएस के प्रति निष्ठा रखने वाला सैयद मुस्लिम युवकों को उकसा रहा था। उसने दावा किया कि वह उन्हें भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण दे रहा था और उन्हें सीरिया, इराक जैसे देशों में भेजना चाहता था। याचिकाकर्ता के वकील ने स्पष्ट किया कि उनका मुवक्किल दिल्ली की एक अदालत द्वारा उसे दोषी करार दिये जाने एवं सजा सुनाये जाने को चुनौती नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल जनवरी में ग्रेटर मुंबई की एक अदालत द्वारा उसे दोषी ठहराने एवं सजा सुनाये जाने का तथ्य इस (दिलली अदालत)के संज्ञान में नहीं लाया गया, इसलिए उच्च न्यायालय को दोनों सजाओं को साथ साथ चलाए जाने का निर्देश देना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here