दिल्ली उच्च न्यायालय पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) द्वारा कराये गये चुनावों को रद्द किये जाने और अवैध घोषित करने का अनुरोध किया गया है। सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर यहां जंतर-मंतर पर पिछले साल विरोध प्रदर्शन में अग्रिम मोर्चे पर रहीं पहलवानों की याचिका न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। याचिका में दलील दी गई है कि 21 दिसंबर को हुए डब्ल्यूएफआई के चुनाव में खेल संहिता का घोर उल्लंघन किया गया, और महासंघ को कुश्ती के खेल से संबंधित किसी भी गतिविधि को करने से रोकने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि इसमें, 26 फरवरी को जारी परिपत्र के जरिये अधिसूचित किये गए सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2024 और एशियाई ओलंपिक खेल क्वालीफायर कुश्ती प्रतियोगिता के लिए चयन परीक्षण आयोजित करने वाले निलंबित डब्ल्यूएफआई की अवैध कार्रवाई के खिलाफ निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि डब्ल्यूएफआई एक ‘आदतन अपराधी’ रहा है, क्योंकि उसने जानबूझकर कई मौकों पर खेल मंत्रालय और तदर्थ समिति द्वारा पारित निर्देशों का उल्लंघन किया है, जिससे भारतीय पहलवानों के करियर की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।