कनाडा में हुए मंदिर हिंसा को लेकर दिल्ली हिंदू सिख ग्लोबल फॉरम ने कनाडा दूतावास पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही भारत के कनाडा के राजदूत को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में घटना की तुरंत जांच और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने राजदूत को सौंपे ज्ञापन में कहा कि 4 नवंबर, 2024 को ब्रैम्पटन, कनाडा में एक मंदिर के पास हुई हिंसा की घटना की कड़ी निंदा करते हैं, जिसने दुनिया भर में हिंदू और सिख समुदायों के बीच भारी संकट और भय पैदा कर दिया है।
श्री गुरु तेग बहादुर से प्रेरित होकर जो 1675 में “जंजू” पहनने के अधिकार की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे और जिन्हें “तिलक जंजू का राखा” के रूप में सम्मानित किया जाता है, हम एकता और सह-अस्तित्व पर हमारे इतिहास के जोर को पहचानते हैं। सिख गुरु साहिबान, महाराजा रुनजीत सिंह और अन्य लोगों ने सद्भाव को बढ़ावा देते हुए अपने भक्तों और जनता के लिए मंदिरों और गुरुद्वारों का निर्माण किया।उन्होंने अपने ज्ञापन में आगे लिखा कि हम अलगाववादियों द्वारा कनाडा में गुप्त उद्देश्यों से विभाजन पैदा कर कथित समर्थन को लेकर बेहद चिंतित हैं।
हम इन तत्वों की भूमिका की निंदा करते हैं। हम कनाडा सरकार से इन चिंताओं को दूर करने और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं। सिख समुदाय ने साफ तौर पर कहा कि हमेशा से सिख समुदाय मंदिर निर्माण में योगदान देता रहा है और आज जिस तरह के आरोप सिख समुदाय पर लगाया जा रहा है वह हिंदुओं और सिखों को बांटने का काम किया जा रहा है जिसे सिख समुदाय कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कनाडा राजदूत से अनुरोध किया है कि अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सुरक्षा मुहैया कराई जाए और साथ ही हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों और समुदायों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाए गए। विरोध प्रदर्शन को प्रो. हरजिंदर कौर, रिटायर्ड ब्रिगेडियर पी एस गोथरा, सरदार तजिंदर सिंह मारवाह, सरदार जितेन्द्र सिंह संठी, सरदार चरनजीत लवली, प्रो पवनदीप सिंह खालसा और रिटायर्ड आईपीएस गुरुदेव सिंह आदि ने संबोधित किया । विरोध प्रदर्शन में 1200 से अधिक सिख समाज के लोग शामिल हुए जिनमें से 300 से अधिक महिलाएं शामिल थे।