दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चेक ‘बाउंस’ के मामलों को देखते हुए आगामी एक जुलाई से चेक के माध्यम से संपत्ति कर का भुगतान स्वीकार नहीं करेगा। एमसीडी ने बुधवार को बयान में कहा कि अगले महीने से संपत्ति कर का भुगतान डिजिटल तरीके से यूपीआई, वॉलेट, डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर या किसी भी ऑनलाइन भुगतान माध्यम के जरिये करना होगा। निकाय ने कहा, “चेक बाउंस होने से उत्पन्न कानूनी मुद्दों के कारण इस माध्यम से संपत्ति कर का भुगतान जुलाई से बंद कर दिया जाएगा।
एमसीडी ने संपत्ति मालिकों और खाली पड़ी जमीनों और इमारतों पर कब्जा करने वालों से वर्ष 2024-25 के लिए कर का भुगतान करने और 30 जून से पहले एकमुश्त भुगतान पर 10 प्रतिशत की छूट पाने की भी अपील की है। कर भुगतान के लिए संपत्ति मालिक निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2003 की धारा 114 के प्रावधानों के अनुसार, दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी इमारतें और खाली भूमि संपत्ति कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।