ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ दाखिल किया आरोप पत्र, ‘आप’ को बनाया आरोपी

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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें आम आदमी पार्टी (आप) को भी बतौर आरोपी नामजद किया गया है। यह पहली बार है जब पदस्थ मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी को धनशोधन के मामले में नामजद किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यहां एक विशेष अदालत के समक्ष एक विस्तृत अभियोजन शिकायत दाखिल की गई। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा आने वाले दिनों में अनुलग्नक के अलावा 200 पृष्ठों के आरोप पत्र पर संज्ञान ले सकती हैं।

उन्होंने बताया कि यहां कि एजेंसी ने विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) दाखिल की और आरोपी के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोप तय करने का अनुरोध किया। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत हैसियत के साथ-साथ उनके राजनीतिक संगठन ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर भी आरोपी बनाया गया है। संघीय एजेंसी ने आप के राष्ट्रीय संयोजक 55 वर्षीय केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया था और इस समय वह अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। इस मामले में ईडी द्वारा दाखिल यह आठवां आरोप पत्र है और वह अबतक 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एजेंसी ने इस मामले में 38 कंपनियों को भी आरोपी बनाया है और 243 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।

पिछले सप्ताह इसी तरह का आरोप पत्र ईडी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के.कविता एवं अन्य चार अन्य के खिलाफ दाखिल किया था। ईडी ने इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री को आबकारी नीति ‘घोटाले का सरगना और मुख्य साजिशकर्ता’ करार दिया था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ साठगांठ कर इसे अंजाम दिया। अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस.वी.राजू ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि केजरीवाल ने अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति को बनाने और क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा था, ”हमारे पास प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि केजरीवाल एक सात सितारा होटल में रुके थे, जिसके बिल का आंशिक भुगतान मामले के एक आरोपी ने किया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल कथित घोटाले के लिए परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं। ईडी ने पहले दावा किया था कि एक राजनीतिक दल होने के नाते ‘आप’ को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भारत के नागरिकों के एक संघ या निकाय के रूप में परिभाषित किया गया है, और इसलिए इसे पीएमएलए की धारा 70 के तहत ‘कंपनी’ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। एजेंसी ने कहा कि चूंकि अपराध के समय अरविंद केजरीवाल उक्त कंपनी यानी ‘आप’ के ‘प्रभारी और जिम्मेदार’ थे, इसलिए उन्हें और उनकी पार्टी को धनशोधन विरोधी कानून के तहत उल्लिखित अपराधों का ‘दोषी माना जाएगा’ और मुकदमा चलाकर दंडित किया जा सकता है।

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