प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने एक जर्मन कंपनी की पुणे स्थित सहायक कंपनी के कुछ पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत नौ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के बैंक जमा, म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय निवेशों पर रोक लगा दी है। इन कर्मचारियों पर कंपनी के करोड़ों रुपये के धन की हेराफेरी का आरोप है। केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि चार सितंबर को पुणे, महाराष्ट्र और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में छह स्थानों पर तलाशी ली गई। ईडी के अनुसार, पूर्व कर्मचारियों और उनके साथ मिलकर काम करने वाले कुछ विक्रेताओं के परिसरों पर छापेमारी की गई। धन शोधन का यह मामला पुणे पुलिस (चाकन थाना) की प्राथमिकी पर आधारित है। एचयूएफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) ने मामला दर्ज कराया था। एचयूएफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जर्मनी की कंपनी एचयूएफ हल्सवर्क एंड फर्स्ट जीएमबीएच एंड कंपनी केजी की सहायक कंपनी है, जो चार पहिया वाहनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिमोट कंट्रोल सिस्टम का निर्माण करती है।
कंपनी का सालाना कारोबार 100 करोड़ रुपये से लेकर 300 करोड़ रुपये तक था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि वर्ष 2010-2020 के बीच एचयूएफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से जर्मनी में मूल कंपनी से जानकारी छिपाकर खरीद आदेशों में ‘हेरफेर’ करके अपने व्यक्तिगत वित्तीय लाभ के लिए कंपनी के 139 करोड़ रुपये के कोष को स्थानांतरित किया। ईडी ने दावा किया कि कंपनी का ऑडिट किया गया था, जिसमें एचयूएफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड विशेष रूप से कंपनी के एसएपी सिस्टम में फर्जी इकाइयों के नाम पर दर्ज कच्चे माल की खरीद के संबंध में ‘वित्तीय अनियमितताएं’ पाई गईं।