निर्वाचन आयोग इस लोकसभा चुनाव में ‘बाहुबल, धनबल, भ्रामक सूचना के प्रसार और आचार संहिता के उल्लंघन’ से सख्ती से निपटने की तैयारी में जुट गया है। आयोग ने सीमाओं पर ड्रोन आधारित जांच, गैर-चार्टर्ड उड़ानों द्वारा निगरानी, भ्रामक विज्ञापनों और फर्जी खबरों को लेकर कार्रवाई और चुनावी हिंसा के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। आम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में कठिन चुनौती चार तरह की हैं- बाहुबल, धनबल, भ्रामक सूचना और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन। चुनाव आयोग इनसे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है तथा उसने उपाय किए हैं।
बाहुबल से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ दिशानिर्देश और नियम जारी किए हैं ताकि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हों। सीईसी ने कहा, ”हमने समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, सीएपीएफ (अर्धसैनिक बल) को पर्याप्त संख्या में तैनात किया जाएगा और प्रत्येक जिले में एकीकृत नियंत्रण कक्ष द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। सीमाओं पर ड्रोन आधारित जांच भी होगी। उनका कहना था कि चुनाव में हिंसा अस्वीकार्य है और अगर चुनाव के दौरान कोई हिंसा होती है तो चुनाव आयोग कठोर कार्रवाई करेगा।
कुमार ने कहा, 2022-23 के चुनावी साल में 11 राज्यों में पांच साल पहले की तुलना में नकदी की जब्ती 800 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 3,400 करोड़ रुपये हो गई। (कानून) प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध धन, शराब, ड्रग्स और मुफ्त वस्तुओं पर नकेल कसने और सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, सूर्यास्त के बाद बैंक वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी और गैर-अनुसूचित चार्टर्ड उड़ानों द्वारा निगरानी और निरीक्षण किया जाएगा। अवैध ऑनलाइन नकद हस्तांतरण पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, मैं पार्टियों से आग्रह करता हूं कि वे व्यक्तिगत हमलों और अभद्र भाषा से बचें…भाषणों में गरिमा बनाये रखने के लिए लक्ष्मण रेखा को परिभाषित किया गया है। आइए अपनी प्रतिद्वंद्विता में सीमाओं को पार न करें।