नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी के साथ व्यापक वार्ता के दौरान शनिवार को कहा कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाशत नहीं करने की नीति का अनुसरण कर रहा है और वह कभी भी अपराध करने वालों को पीड़ितों के समकक्ष रखने को स्वीकार नहीं करेगा। यह टिप्पणी पिछले माह चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के बाद कई देशों द्वारा भारत और पाकिस्तान को एक समान रखने पर नयी दिल्ली द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने के बीच आई है। लैमी दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर आज सुबह नयी दिल्ली पहुंचे।
टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण के दौरान जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने और आतंकवाद के खिलाफ नयी दिल्ली की लड़ाई में समर्थन के लिए ब्रिटेन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ”हम आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का अनुसरण करते हैं और उम्मीद करते हैं कि हमारे साझेदार इसे समझेंगे। भारत कभी भी इस बात का समर्थन नहीं करेगा कि अपराध करने वालों को पीड़ितों के समकक्ष रखा जाए।” जयशंकर ने हाल में हुए भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते और दोहरे अंशदान समझौते को ”वास्तव में मील का पत्थर” बताया।
ऐसा माना जाता है कि भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद का मुद्दा उठाया। ब्रिटेन उन देशों में शामिल था जो पिछले माह सैन्य संघर्ष के दौरान तनाव को कम करने के प्रयास में भारत और पाकिस्तान दोनों के संपर्क में थे। लैमी 16 मई को इस्लामाबाद की दो दिवसीय यात्रा पर भी गए थे जिस दौरान उन्होंने सैन्य संघर्ष रोकने के लिए भारत तथा पाकिस्तान के बीच 10 मई को बनी सहमति का स्वागत किया।