आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कराधान पर उनकी समझ के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में की गई टिप्पणी को लेकर पलटवार किया और उनके जवाब को ”व्यक्तिगत हमला” बताया। चड्ढा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश में कहा, ”वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि मैंने (चड्ढा ने) सदन को गुमराह करने की कोशिश की। मुझे संसद में उनकी टिप्पणियों का जवाब देने की अनुमति नहीं दी गई। मैंने इस साल के केंद्रीय बजट पर कई मुद्दे उठाए थे, लेकिन उन्होंने मेरी केवल एक टिप्पणी का जवाब दिया, जिसमें मैंने एक उदाहरण के साथ कर छूट के बारे में कहा था। मैं अपने बयान पर कायम हूं।” उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा, ”क्या यह सच नहीं है कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 12.76 लाख रुपये है, तो उसे पूरे 12.76 लाख रुपये पर कर देना होगा, न कि सिर्फ 76,000 रुपये पर? मूल मुद्दे पर जवाब देने के बजाय, उन्होंने मुझ पर व्यक्तिगत हमला किया।
मैं उनकी उम्र और पद का पूरा सम्मान करता हूं और मुझे उम्मीद है कि वे इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणियां करने में कहीं अधिक सावधानी बरतेंगी।” ‘आप’ सांसद ने सीतारमण पर करदाताओं को तकनीकी बातों से ”भ्रमित” करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”वित्त मंत्री ने जटिल व्याख्या कर मध्यम वर्ग को गुमराह करने की कोशिश की। तथ्य यह है कि – यदि आय 12 लाख रुपये से अधिक है, तो कर पूरी राशि पर लगाया जाएगा, न कि केवल बढ़े हुए हिस्से पर। बारह लाख रुपये कर छूट की सीमा है, न कि कर छूट है। अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 12.76 लाख रुपये है, तो उसे पूरी राशि पर कर देना होगा, न कि केवल 12 लाख रुपये से अधिक की राशि 76,000 रुपये पर।” सीतारमण ने एक दिन पहले राज्यसभा में बजट पर जवाब देने के दौरान, ‘आप’ सांसद द्वारा यह मुद्दा उठाये जाने पर उक्त टिप्पणियां की थीं। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस मामूली राहत से, 12 लाख रुपये से थोड़ी अधिक आय वालों के लिए कर का बोझ काफी कम हो जाता है। सीतारमण ने कहा, ”राघव चड्ढा को यह दावा करके सदन को गुमराह नहीं करना चाहिए कि 12 लाख रुपये से अधिक की आय वाले व्यक्ति को बिना किसी राहत के पूरी राशि पर कर देना होगा। ऐसा नहीं है।” ‘आप’ सांसद पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के रूप में चड्ढा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था।