गुलाम नबी आजाद से मुलाकात पर बोले पूर्व सीएम हुड्डा, गांधी परिवार के साथ पहले भी खड़े थे और आज भी खड़े हैं

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुलाम नबी आजाद से उनकी मुलाकात को लेकर कुमारी सैलजा द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि वह गांधी परिवार के साथ पहले भी खड़े थे और आज भी खड़े हैं। उन्होंने सैलजा पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, हालांकि तंज कसते हुए कहा कि कई बार लोग हताशा में आकर कुछ बोल देते हैं।

हुड्डा का कहना है कि उन्होंने आजाद से कहा कि पार्टी छोड़ने के बाद उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे कांग्रेस के नेताओं के बीच कटुता पैदा हो। उधर, आजाद से हुड्डा के मुलाकात करने पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा ने कहा है कि इस कदम ने पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को ”भ्रमित तथा निराश” किया है। ऐसी खबर है कि कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य और पार्टी की हरियाणा इकाई की पूर्व अध्यक्ष सैलजा ने पार्टी आलाकमान के समक्ष हुड्डा के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है और उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की मांग की है।

हुड्डा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”आजाद साहब का जहां तक सवाल है, हम इतने साल एक ही परिवार में रहे, एक ही पार्टी में रहे। हमने कुछ मांग रखी थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने वो मांग मान ली। पार्टी में चुनाव हो रहे हैं। उसके बावजूद उन्होंने (आजाद) पार्टी छोड़ने का फैसला किया। हमने तो उनसे कहा कि आपने पार्टी क्यों छोड़ दी। कोई कटुता की बात नहीं होनी चाहिए। सैलजा के बयान पर उन्होंने कहा, ”कौन क्या-क्या कह रहा है, मैं कुछ नहीं कह सकता…कई बार लोग ‘फ्रस्ट्रेशन’ (हताश होकर) में और निजी हित के लिए कुछ भी कह देते हैं।

उन्होंने 1990 के दशक में सोनिया गांधी के अमेठी दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, ”हम इस परिवार (गांधी परिवार) के साथ पहले भी खड़े थे और आज भी खड़े हैं। हुड्डा के अलावा जी-23 के दो अन्य सदस्यों आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चह्वाण ने मंगलवार को आजाद से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी। आजाद ने गत शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। सोमवार को उन्होंने अपने पुराने दल और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि ‘बीमार’ कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज ‘कम्पाउंडर’ कर रहे हैं।

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