कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि अंग्रेजों ने औपनिवेशिक युग में भारत में अपने साम्राज्य विस्तार के लिए ‘माफिया वाली रणनीति’ का उपयोग किया था। थरूर को एक ‘ब्रिटिश टेकओवर ऑफ इंडिया: मोडस ऑपरेंडी’ (भारत पर ब्रिटेन का नियंत्रण : कब्जा करने का तरीका) नामक पुस्तक के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। पुस्तक का पहला संस्करण 1979 में प्रकाशित हुआ था और हाल ही में इसका नया संस्करण प्रकाशित हुआ है।
उन्होंने अंग्रेजों के शासन से पहले मुगल साम्राज्य का धीरे-धीरे पतन होने का हवाला दिया और कहा कि 1757 के प्लासी युद्ध के समय रॉबर्ट क्लाइव की कमान में ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों ने बंगाल में नवाब सिराजुद्दौला को पराजित किया था। इसके बाद मुगल शासक शाह आलम द्वितीय ने कंपनी को बंगाल की दीवानी सौंप दी। थरूर का कहना था, ”अंग्रेजों ने माफिया की तरकीब अपनाई थी। यह कुछ ऐसा था जिसका बाद में इटली में पूरी तरह से खुलकर इस्तेमाल किया गया। राष्ट्रमंडल की प्रासंगिकता से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि 1947 में ‘सत्ता का हस्तांतरण’ हुआ था तथा राष्ट्रमंडल का हिस्सा होने का फैसला किया गया, लेकिन भारत ने ब्रिटेन की राजशाही को संप्रभु शासक के तौर पर स्वीकार नहीं किया।