प्रधानमंत्री को लिखे खरगे के पत्र पर भाजपा का जवाब असहिष्णुता का उदाहरण: चिदंबरम

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि बालासोर रेल हादसे के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ सांसदों का जवाबी पत्र लिखना असहिष्णुता का एक और उदाहरण है। बालासोर रेल हादसे के बाद खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की मांग की थी और कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच से ‘तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलताओं” की जवाबदेही तय नहीं हो सकती। इसके बाद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा समेत भाजपा के चार सांसदों ने खरगे को लिखे जवाबी पत्र में कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष के पत्र में बयानबाजी ज्यादा थी और तथ्य बहुत कम थे।

चिदंबरम ने इसी को लेकर शनिवार को ट्वीट किया, ‘माननीय प्रधानमंत्री को कांग्रेस अध्यक्ष खरगे जी के पत्र पर भाजपा के चार सांसदों की प्रतिक्रिया किसी भी आलोचना के प्रति भाजपाई असहिष्णुता का एक और उदाहरण है। खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, उन्हें माननीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का अधिकार है। एक जीवंत लोकतंत्र में लोग माननीय प्रधानमंत्री से पत्र के उत्तर की अपेक्षा करते हैं।’ उन्होंने कहा, ”हमारा लोकतंत्र ऐसा है कि माननीय प्रधानमंत्री जवाब देने के लायक नहीं समझेंगे। इसके बजाय, भाजपा के चार सांसद खुद ऐसा जवाब भेजने की जिम्मेदारी लेते हैं, जो तथ्यों के आधार पर सतही और तर्कों के आधार पर खोखला है।

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