नई दिल्ली। आम्रपाली समूह के परेशान घर खरीदारों के लिए उच्चतम न्यायालय से अच्छी खबर है। शीर्ष अदालत को शुक्रवार को अवगत कराया गया कि घर खरीदारों को अगले दो से तीन महीनों में 11,858 फ्लैट सौंपे जाएंगे, जिनमें से 5,428 फ्लैट का कब्जा अक्टूबर में ही दे दिया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को अदालत के रिसीवर वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकटरमणि ने सूचित किया कि एनबीसीसी द्वारा पूरे किए गए 5,428 फ्लैट को त्योहारी सीजन में अगले महीने बिजली और पानी कनेक्शन के साथ घर खरीदारों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा, हम अन्य 6,430 फ्लैट के लिए बिजली और पानी के कनेक्शन को लेकर कुछ मुद्दों का सामना कर रहे हैं और एक बार कनेक्शन प्रदान कर दिये जाने और पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद, इन इकाइयों को अगले दो से तीन महीनों में घर खरीदारों को सौंप दिये जाएंगे।
पीठ ने वेंकटरमणि से कहा कि यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है कि प्रस्तावित 38,000 से अधिक फ्लैट में से 11,000 से अधिक फ्लैट को खरीदारों को सौंपा जा रहा है और उनसे यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि फ्लैट को पूरे भुगतान के बाद ही उसके खरीदारों को सौंपे जाए। वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ को आश्वासन दिया कि इन सभी पूर्ण फ्लैट को घर खरीदारों से पूरा भुगतान प्राप्त होने के बाद ही सौंपा जाएगा। वेंकटरमणि ने कहा कि 3,014 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित राशि से उन्हें अब तक 22,701 घर खरीदारों से 1,275 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं और शेष राशि 7939 घर खरीदारों से प्राप्त की जानी है, जिन्हें इस संबंध में ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया है और भुगतान योजना के अनुसार यह राशि अक्टूबर 2024 तक प्राप्त होगी।
घर खरीदारों की ओर से पेश अधिवक्ता एमएल लाहोटी ने पीठ को बताया कि 1970 ‘डिफॉल्टर’ खरीदार हैं, जिन्होंने नोटिस के बावजूद अपना बकाया नहीं चुकाया है और ऐसे खरीदारों के फ्लैट को नीलामी के जरिये बेचे जाने की जरूरत है। न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि उनके पास सीमित समय है और वह आम्रपाली के तीन से चार प्रमुख मुद्दों से निपटना चाहेंगे, जो पूरी निर्माण प्रक्रिया को गति देगा और रुकी हुई परियोजनाओं का सफलतापूर्व समापन सुनिश्चित करेगा। पीठ ने आम्रपाली समूह के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अनिल शर्मा को दी गई राहत की अवधि भी उस वक्त बढ़ा दी, जब उन्हें बताया गया कि अक्टूबर में उनकी सर्जरी की जानी है। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वह मेडिकल आधार पर शर्मा की जमानत अर्जी का विरोध नहीं कर रही हैं। पीठ ने आम्रपाली के पूर्व निदेशक शिव प्रिया की दी गयी राहत भी 11 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी और दिल्ली पुलिस को हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दे दी। प्रिया लीवर की समस्या से जूझ रही अपनी बेटी के इलाज के लिए जमानत पर बाहर हैं।