प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्ष 2022 में कौशांबी जिले में कथित तौर पर ऋण का आवेदन मंजूर नहीं करने को लेकर एक बैंक की महिला प्रबंधक पर तेजाब फेंकने के चार आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने जांच के दौरान तेजाब की खरीद, कुछ याचिकाकर्ताओं की वास्तविक संलिप्तता और अन्य याचिकाकर्ताओं की सहायक भूमिका के बारे में एकत्रित किए गए साक्ष्यों पर विचार करते हुए बृहस्पतिवार को यह आदेश पारित किया।
जानकारी के मुताबिक, बैंक प्रबंधक के तौर पर कार्यरत पीड़िता जब अपने कार्यालय जा रही थी तभी घात लगाए बैठे दो बदमाशों ने उन पर तेजाब फेंक दिया। जांच के दौरान आवेदकों और सह आरोपियों के नाम प्रकाश में आए। ये बैंक में ऋण आदि मंजूर कराने की सुविधा के लिए ब्रोकर के तौर पर काम करते थे। महिला बैंक प्रबंधक ने जब पात्रता के अभाव में ऋण का आवेदन खारिज कर दिया तो उन पर दबाव बनाया गया। हालांकि जब वह दबाव में नहीं आईं तो उन पर तेजाब से हमला कर दिया गया। आरोपियों ने जमानत की मांग करते हुए दलील दी कि वे अगस्त, 2022 से जेल में बंद हैं और उनके मामले की जल्द सुनवाई होने की संभावना नहीं है।