Delhi News: इस्कान मंदिर में विदेशी फूलों से खेली जाएगी होली, ड्रोन से बरसाए जाएंगे फूल

40
383

कोरोना काल में दिल्ली के मंदिरों में गुरुवार को होली का आयोजन धूमधाम से होगा। कहीं विदेशी फूलों से होली खेली जाएगी तो किसी मंदिर में 108 तरह के फूलों के साथ भगवान के साथ श्रद्धालु होली खेलेंगे। दिल्ली में कोरोना की दस्तक के बाद से वर्ष 2020 से होली का आयोजन मंदिरो में नहीं हो रहा था। लेकिन इस बार मंदिरों में पूरे जोर-शोर से होली खेली जाएगी।

देसी-विदेशी फूलों से सजेगा परिसर

छतरपुर मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. किशोर चावला ने बताया कि होली के पर्व को लेकर देसी-विदेशी फूलों से मंदिर परिसर को सजाया जाएगा। श्रद्धालु फूलों की होली खेलेंगे। माता की चौकी और भंडारे का आयोजन होगा। साथ ही मंदिर के संत बाबा नागपाल की जयंती भी मनाई जाएगी। कोरोना बीमारी के बाद से पहली बार ऐसा कार्यक्रम आयोजित कर रहे है।

खेलेंगे फूलों की होली

झंडेवाला देवी मंदिर के प्रचार प्रसार प्रमुख नंद किशोर सेठी ने बताया कि मंदिर के सेवादार फूलों की होली खेलेंगे। कोरोना के चलते पहले होली को लेकर होने वाले कार्यक्रम आयोजन नहीं हो पा रहा था। मगर, इस बार फूलों की होली खेली जाएगी। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते है।

108 फूलों से किया जाएगा अभिषेक

द्वारका सेक्टर-13 स्थित इस्कॉन मंदिर में 18 मार्च को होली के दिन यानी गौर पूर्णिमा को महाउत्सव मनाय जाएगा। इसके लिए भगवान का शाम साढ़े पांच बजे 108 द्रव्यों यानी दूध, दही, घी आदि से महाअभिषेक किया जाएगा। फिर शाम छह बजे गेंदा, गुलाब, चंपा, चमेली आदि विभिन्न किस्म के 108 तरह के फूलों से अभिषेक किया जाएगा। यह अभिषेक ड्रोन के माध्यम से भी किया जाएगा।

ड्रोन से होगी फूलों की बरसात

फिर उन्हीं फूलों से श्रद्धालुओं द्वारा आपस में भी होली खेली जाएगी। होली खेलने के लिए मंदिर में एक विशेष पंडाल लगाया जाएगा। शाम पांच बजे जब भगवान के श्रीविग्रह को वहाँ अभिषेक के लिए लाया जाएगा तो उनके ऊपर ड्रोन से फूलों की वर्षा की जाएगी। श्रद्धालु भी उनके ऊपर फूलों की बारिश कर सकेंगे। पूरे दिन हरि नाम संकीर्तन किया जाएगा। साथ ही दिव्य महा-अभिषेक और पुष्प-अभिषेक के बाद 1008 भोग अर्पित किए जाएँगे।

रात नौ बजे के बाद होलिका दहन

अखिल भारतीय ज्योतिष परिषद् के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कृष्णदत्त शर्मा ने बताया कि गुरुवार को होली पूजन का शुभ समय दोपहर तीन बजे से लेकर शाम पांच बजे तक है। प्रदोष-व्यापिनी फाल्गुन् शुक्ला पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में होलिका-दहन किया जाता है। इसमें भद्रा वर्जित है। होलिका दहन का समय रात्रि नौ बजकर 10 मिनट से दस बजकर पांच मिनट तक है। होलिका दहन समग्र राष्ट्र तथा समाज के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगी।

40 COMMENTS

  1. Greetings! Extremely serviceable suggestion within this article! It’s the petty changes which choice espy the largest changes. Thanks a quantity quest of sharing! online

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here