दिल्ली नगर निगम चुनावों (Delhi MCD Chunav) की तारीखों का ऐलान अभी बाकी है। लेकिन उससे पहले ही राजधानी में सियासी घमासान शुरू हो गया है। पिछले दिनों आयोग की ओर से दिल्ली नगर निगमों के चुनाव टाले जाने के बाद से ही आप और भाजपा एक-दूसरे पर हमलावर हैं। आप भाजपा पर चुनाव टलवाने का आरोप लगा रही है तो भाजपा चुनाव टाले जाने के पीछे कई मुद्दों को गिना रही है। हालांकि दिल्ली एमसीडी चुनाव की तारीख 18 अप्रैल तक घोषित करने के कयास लगाए जा रहे हैं। इससे पहले हम आपको पिछले एमसीडी चुनाव के बारे में बताएंगे। 2012 से लेकर 2017 तक के एमसीडी चुनाव (Delhi MCD Chunav) में किसने किसको पटनी दी थी और कौन सी पार्टी किस पर भारी पड़ी थी….आइए जानते हैं क्या है पूरा अपडेट।
तीनों नगर निगमों के 2017 चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत साल 2012 की अपेक्षा 0.66 फीसदी घटा था। तो वहीं इस चुनाव में आप को झटका लगा था. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक 54.30 फीसदी वोट लेकर 70 में से 67 सीटे जीतने वाली आप को तीनों नगर निगमों के चुनाव में केवल 26.23 प्रतिशत वोट मिल पाए थे। दो साल में ही 28.07 फीसदी मतदाताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। साल 2012 के चुनावों में एएपी नहीं थी। कांग्रेस को साल 2012 के चुनावों में 30.54 प्रतिशत मत मिले और उसने 77 सीटें जीती थी। वहीं साल 2017 के चुनावों में वह 21.09 प्रतिशत मत ही हासिल कर पाई थी।
पिछले चुनाव में किसने जीतीं कितनी सीटें?
दिल्ली में पिछले एमसीडी चुनावों में बीजेपी ने एक प्रभावशाली जीत दर्ज की थी। तीन निगमों में 272 वार्डों में से 181 जीतकर सत्ता में वापसी की। उसकी प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी (एएपी) ने केवल 49 वार्डों में जीत हासिल की जबकि कांग्रेस ने चुनाव में 31 वार्डों में जीत हासिल की थी। निर्दलीय ने उत्तरी दिल्ली में तीन, दक्षिणी दिल्ली में चार और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में एक वार्ड में जीत हासिल की थी।
एकीकरण का मुद्दा गर्म, बदलेगी MCD की तस्वीर?
केंद्र सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी), पूर्वी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के एकीकरण को लेकर एसईसी को चिट्ठी लिखी है। अब इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं कि एकीकरण के बाद दिल्ली नगर निगम की तस्वीर क्या होगी और उसके कामकाज को लेकर क्या बदलाव आएंगे। मौजूदा समय में दिल्ली नगर निगम में 272 वार्ड हैं। उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों में प्रत्येक में 104 वार्ड हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 वार्ड हैं।