नई दिल्ली। सुपर चक्रवात नोरु के चलते बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण के कारण देश से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी में देरी होना तय है। इससे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पांच अक्टूबर से बारिश होने की संभावना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह भी कहा गया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के कारण इस बार सितंबर में देश के उत्तर और उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य से छह फीसदी अधिक बारिश हुई जिसने उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बारिश की कमी को कम करने में मदद की।
देश में लगातार चाथे साल अच्छी मॉनसूनी बारिश हुई। उम्मीद जताई जा रही है कि गंगा के मैदानी क्षेत्र से मॉनसून की देर से वापसी रबी सीजन के दौरान किसानों के लिए मददगार साबित होगी। भारत मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय माहपात्र ने कहा, बंगाल की खाड़ी के ऊपर पूर्वोत्तर दिशा में बने चक्रवाती परिसंचरण के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ने की उम्मीद है जिससे गंगा के मैदानी क्षेत्र में अच्छी बरसात होगी।
उन्होंने कहा कि मॉनसून की वापसी 20 सितंबर से शुरू हो जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ऊपर मौजूद मौसमी प्रणाली के कारण यह इस बार 13 अक्टूबर तक रुकेगा। यानी मॉनसून की वापसी 13 अक्टूबर के बाद होगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पांच अक्टूबर से बारिश होने की संभावना है।