दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को झटका देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सबंद्ध कौसर जहां ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हज समिति के अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की। भगवा दल ने जहां की जीत को मुस्लिम महिलाओं की सशक्तिकरण की ओर एक कदम करार दिया है। जहां दूसरी महिला हैं जो दिल्ली हज समिति की अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता ताजदार बाबर यह पद हासिल करने वाली पहली महिला थीं। आप ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘मिलीभगत’ की वजह से भगवा पार्टी की उम्मीदवार कौसर जहां दिल्ली हज समिति अध्यक्ष का चुनाव जीतने में सफल हुईं।
दिल्ली सचिवालय में हुए मतदान में समिति के पांच में से तीन सदस्यों ने जहां के समर्थन में मत दिया। समिति के सदस्यों में भाजपा सांसद गौतम गंभीर, आप विधायक अब्दुल रहमान और हाजी युनूस, कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश, मुस्लिम मालों के विशेषज्ञ मोहम्मद साद और मुस्लिम स्वयं सेवक संगठनों की ओर से जहां सदस्य हैं।दानिश मतदान से अनुपस्थित रहीं। भाजपा से सबद्ध जहां को तीन मत मिले जिनमें गंभीर, साद और जहां का अपना मत शामिल है। जीत के बाद जहां ने दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव से पार्टी कार्यालय में जाकर मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह काम करने के लिए दिल्ली हज समिति की अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं और आप को राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए।
जहां ने से कहा, मेरे निर्वाचन पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि मुझे लोगों की सेवा करनी है। मैं ‘आप ‘से अपील करती हूं कि वे ऐसा नहीं करें। हम मिलकर काम करेंगे। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने कहा कि जहां की जीत दिखाती है कि पार्टी के प्रति मुस्लिमों का विश्वास और आस्था बढ़ रही है। उन्होंने ट्वीट किया, ”दिल्ली हज कमेटी के अध्यक्ष पद पर भाजपा उम्मीदवार कौसर जहां की जीत मुस्लिम समाज में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता और स्वीकारिता की जीत है। भाजपा समाज के सभी वर्गों को आगे ले जाने का काम कर रही है। इस जीत पर कौसर जहां और हज कमेटी को शुभकामनाएं। सचदेव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जहां हज समिति के कामकाज में पारदर्शिता लाएंगी और हर साल हज यात्रा में महिलाओं की संख्या में वृद्धि करने में मदद मिलेगी।
‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना पर दिल्ली हज समिति के सदस्यों को नामित करने में ‘अव्वल दर्जे की बेईमानी’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सक्सेना ने कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को समिति में नामित किया जो ‘सही नहीं था’ और अंत में उन्होंने मतदान से नदारद रहने का फैसला किया ताकि ‘भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो सके। उल्लेखनीय है कि सक्सेना ने जनवरी में हज समिति सदस्यों की नियुक्ति की थी। उनके इस कदम पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया की थी और उप राज्यपाल द्वारा जारी अधिसूचना को ‘गैर कानूनी’ करार दिया। केजरीवाल ने दावा किया कि उचित प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया गया।