मध्य प्रदेश में आज भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करेंगे जेपी नड्डा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मध्य प्रदेश के आगामी चुनाव में लोगों को अपनी पार्टी के पक्ष में रिझाने के लिए रविवार को सतना जिले के धार्मिक नगरी चित्रकूट से पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करेंगे। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सतना भाजपा जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा ने चित्रकूट से फोन पर बताया कि नड्डा जी के सुबह करीब 10 बजे चित्रकूट पहुंचने की उम्मीद है। शर्मा के अनुसार वह सुबह करीब 11 बजे यात्रा की शुरुआत के लिए एक समारोह में भाग लेंगे और दोपहर में यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।

पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि अगले सप्ताह अन्य स्थानों से ऐसी चार यात्राएं और निकाली जाएंगी तथा उन यात्राओं के दौरान भाजपा बड़ी जनसभाओं के माध्यम से लोगों तक पहुंचेगी और केंद्र एवं राज्य की कल्याणकारी योजनाएं और उनकी उपलब्धियां उनके सामने रखेंगी। पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 सितंबर को भोपाल में इन पांच जन-आशीर्वाद यात्राओं के समापन के अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित कर सकते हैं। 25 सितंबर को भारतीय जनसंघ के शीर्ष नेता स्वर्गीय दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है। जनसंघ बाद में भाजपा बन गया। उन्होंने कहा कि चित्रकूट से यात्रा मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र से होकर गुजरेगी। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस क्षेत्र की 30 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा नेताओं ने कहा कि ये पांच यात्राएं भोपाल पहुंचने से पहले मप्र के 230 विधानसभा क्षेत्रों में से 210 से होकर 10,500 किमी से अधिक की दूरी तय करेंगी। उनका कहना था कि वैसे तो वे 21 सितंबर को राज्य की राजधानी पहुंचेंगी, लेकिन यात्रा का औपचारिक समापन 25 सितंबर को कार्यकर्ता महाकुंभ के साथ होगा।

पिछले विधानसभा चुनाव से पहले जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे कार्यक्रमों में सबसे आगे थे, वहीं भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार इन यात्राओं के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी को शामिल करने का फैसला किया है। नवंबर 2018 के मप्र के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 230 में से 114 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। कांग्रेस ने निर्दलीय, बसपा और सपा के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई। हालांकि, यह 15 महीनों के बाद यह सरकार गिर गई जब वर्तमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का एक समूह भाजपा में शामिल हो गया। फलस्वरूप भाजपा की सरकार बनी और चौहान की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई।

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