रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक में कर्नाटक दो रक्षा गलियारों पर जोर देगा

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कर्नाटक के बड़े एवं मध्यम उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने मंगलवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ नयी दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे और राज्य के लिए दो रक्षा गलियारा परियोजनाओं को मंजूरी देने का अनुरोध करेंगे। मुख्यमंत्री बुधवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी में सिंह से मुलाकात करेंगे। पाटिल ने कहा, “एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में देश के अग्रणी योगदानकर्ता के रूप में, कर्नाटक दो रक्षा गलियारों का हकदार है- एक कोलार-चिक्कबल्लापुरा क्षेत्र में और दूसरा हुबली-बेलगावी क्षेत्र में। हम राजनाथ सिंह के साथ अपनी बैठक के दौरान यह अनुरोध करेंगे।” पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि दक्षिण और उत्तर कर्नाटक में एक-एक गलियारे की जरूरत है।

उन्होंने बताया कि बेलगावी में पहले से ही एक्वस जैसी अग्रणी कंपनियां काम कर रही हैं। पाटिल ने कहा कि जब तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश को रक्षा गलियारा आवंटित किया गया था, तो कर्नाटक को भी रक्षा गलियारा दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी इस चूक का एहसास है और राजनाथ सिंह ने खुद इसे स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर राजनाथ सिंह की ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट-इन्वेस्ट कर्नाटक 2025’ में भागीदारी के दौरान भी चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा, “हम अन्य राज्यों के लिए मंजूर की जा रही परियोजनाओं के खिलाफ नहीं हैं। हम केवल वही मांग कर रहे हैं जिसका कर्नाटक को पूरा हक है।” पाटिल ने यह भी कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष ने हाल में उनसे मुलाकात की थी और भूमि संबंधी आवश्यकताओं के लिए सरकारी सहायता का आश्वासन दिया था।

देश के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में कर्नाटक के 65 प्रतिशत योगदान को रेखांकित करते हुए पाटिल ने कहा कि इस क्षेत्र में राज्य राष्ट्रीय स्तर पर पहले और विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा, “राज्य में एचएएल, सफ्रान, बोइंग, एयरबस, कोलिन्स और लॉकहीड मार्टिन जैसी प्रमुख कंपनियां हैं। हमारे पास देवनहल्ली हवाई अड्डे के पास पहले से ही एक एयरोस्पेस पार्क है। अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए सरकार अब पास में एक और एयरोस्पेस और रक्षा पार्क बनाने का प्रस्ताव कर रही है। जिन किसानों की जमीन चली जाएगी, उन्हें भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के तहत मुआवजा दिया जाएगा।