लोकसभा चुनाव: आप और कांग्रेस के हाथ मिला लेने से दिल्ली में होगा द्विध्रुवीय मुकाबला

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच औपचारिक रूप से सीटों के बंटवारे की शनिवार को घोषणा के बाद यहां आगामी लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ गई। दिल्ली में दोनों दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबले के लिए सीट बंटवारे समझौते को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके तहत आप दिल्ली में चार सीटों पर, जबकि कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आप और कांग्रेस के एकसाथ आने से दिल्ली में चुनावी मुकाबला द्विध्रुवीय हो जाएगा, जिसमें भाजपा शामिल होगी, जो लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करना चाहती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक ने आप नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप चार सीट- नयी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, पश्चिम दिल्ली और पूर्वी दिल्ली – पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि कांग्रेस उत्तर पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक सीट पर चुनाव लड़ेगी। सीट बंटवारे की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस दिल्ली में तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन उसके कार्यकर्ता और नेता सभी सात निर्वाचन क्षेत्रों में ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत के लिए प्रयास करेंगे। दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटें 2014 से भाजपा के पास हैं।

2019 के चुनावों में, भाजपा उम्मीदवारों को प्रत्येक सीट पर कांग्रेस और आप उम्मीदवारों की संयुक्त वोट से अधिक वोट मिले थे। आप ने एक बयान में कहा, ”मूल रूप से, जीतने की क्षमता के लिहाज से सभी सात सीटें आप के लिए उपयुक्त हैं। हालांकि, दिल्ली के लिए, हम कांग्रेस द्वारा दी गई पसंद पर सहमत हुए हैं। गठबंधन में, सभी सात सीटों पर ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा चुनाव लड़ा जा रहा है और हम सभी सात सीटें ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए जीतने के लिए काम करेंगे।” हालांकि, विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवारों के सामने एक बड़ी चुनौती 2019 के चुनाव में जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों और पराजित उम्मीदवारों के बीच वोट के भारी अंतर को पाटना होगा। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों ने कांग्रेस और आप उम्मीदवारों को लाखों मतों के अंतर से हराया था। आप और कांग्रेस ने 2019 में भी दिल्ली में गठबंधन करने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा करने में असफल रहे थे। भाजपा के दो बार के सांसद मनोज तिवारी ने 2019 में उत्तर पूर्व दिल्ली सीट पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित को 3.6 लाख वोट से हराया था। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस इस सीट पर अपनी दिल्ली इकाई के प्रमुख अरविंदर सिंह लवली को मैदान में उतार सकती है, जहां शहर के सभी संसदीय क्षेत्रों के मुकाबले मुस्लिम आबादी का प्रतिशत सबसे अधिक (29 प्रतिशत से अधिक) है। उत्तरपूर्व दिल्ली सीट से संभावित उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार के नाम की भी चर्चा है, जहां पर पूर्वांचली मतदाताओं की अच्छी संख्या है और जो 2020 में हुए दंगों से प्रभावित हुआ था।

कांग्रेस उत्तरपश्चिमी दिल्ली की आरक्षित सीट पर भी चुनाव लड़ेगी, जहां से वर्तमान में भाजपा के हंसराज हंस सांसद हैं। जानेमाने पंजाबी सूफी गायक, हंस ने 2019 में आप के गुगन सिंह को 5.5 लाख से अधिक वोट से हराया था। पार्टी सूत्रों ने कहा कि 2014 में भाजपा के टिकट पर उत्तरपश्चिम दिल्ली से जीत हासिल करने वाले उदित राज इस बार उसी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। 2019 के चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से भी चुनाव लड़ेगी और ऐसी अटकलें हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता जे पी अग्रवाल इस सीट से संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। वह इस निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सांसद हैं। सूत्रों ने दावा किया कि महिला कांग्रेस प्रमुख अलका लांबा के नाम पर भी कांग्रेस विचार कर सकती है, जिन्होंने पहले आप नेता के रूप में चांदनी चौक विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था। अग्रवाल को 2019 में चांदनी चौक से भाजपा के हर्षवर्धन ने लगभग 2.3 लाख वोट से हराया था। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि आप इस बार पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को उसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतार सकती है। 2019 में कांग्रेस के उम्मीदवार मिश्रा को भाजपा के प्रवेश वर्मा ने 5.8 लाख से अधिक वोट से हराया था। सूत्रों ने कहा कि दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट पर आप चुनाव लड़ेगी और इसके छतरपुर विधायक करतार सिंह तंवर यहां से संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। यह सीट 2019 में भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने आप के राघव चड्ढा को 3.65 लाख से अधिक वोट से हराकर दूसरी बार जीती थी।

पूर्वी दिल्ली और नयी दिल्ली सीट पर भी आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी। पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने 2019 में भाजपा के टिकट पर पूर्वी दिल्ली सीट जीती थी। उन्होंने दिल्ली कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली को 3.9 लाख से अधिक वोटों से हराया था। सूत्रों ने बताया कि आप मोतीनगर से अपने विधायक शिव चरण गोयल को नयी दिल्ली लोकसभा सीट से मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री नयी दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। आप सरकार के दो अन्य मंत्रियों, सौरभ भारद्वाज और राज कुमार आनंद का भी निर्वाचन क्षेत्र नयी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में है। वर्ष 2019 में कांग्रेस के मौजूदा कोषाध्यक्ष अजय माकन को भाजपा उम्मीदवार मीनाक्षी लेखी ने 2.5 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीट पर भारी हार के बावजूद कांग्रेस छह सीट पर दूसरे नम्बर पर रही थी, जबकि आप तीसरे स्थान पर रही थी। दक्षिणी दिल्ली से आप के राघव चड्ढा एकमात्र ऐसे उम्मीदवार थे, जो दूसरे नम्बर पर रहे थे। इसके अलावा, आप के तीन उम्मीदवारों पंकज गुप्ता चांदनी चौक से, नयी दिल्ली से ब्रिजेश गोयल और उत्तरपूर्व दिल्ली से दिलीप पांडे – की 2019 में जमानत जब्त हो गई थी। आप महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा कि चुनाव के लिए प्रचार रणनीति पर दोनों पक्ष बाद में मिलकर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच गठबंधन भाजपा की रणनीति को उलट देगा और लोगों की मदद से ‘इंडिया’ गठबंधन सभी सीटें जीतेगा।

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