कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र में ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भर्ती अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को आरक्षण से दूर रखने की मोदी सरकार की साजिश है। उन्होंने एक विज्ञापन का हवाला दिया जिसमें 45 पदों पर लेटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”संविधान को तार-तार करती भाजपा ने किया आरक्षण पर डबल वार। पहला, आज मोदी सरकार ने केंद्र में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के कम से कम 45 पद लेटरल एंट्री द्वारा भरने का विज्ञापन निकाला है। क्या इसमें एससी,एसटी, ओबीसी एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का आरक्षण है?” उन्होंने यह आरोप लगाया कि सोची समझी साज़िश के तहत भाजपा जानबूझकर नौकरियों में ऐसे भर्ती कर रही है, ताकि आरक्षण से एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों को दूर रखा जा सके।
खरगे ने कहा, ”दूसरा, उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण घोटाले का अब हाईकोर्ट के फैसले से पर्दाफ़ाश हो चुका है। राहुल गांधी ने मार्च 2024 में दलित और पिछड़े वर्ग में आरक्षण घोटाले में प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर वंचित अभ्यर्थियों की आवाज़ उठाई थी। योगी सरकार ने अभ्यर्थियों से नाइंसाफ़ी करते हुए ये पद भरे थे, जिसमें दलित और पिछड़े वर्ग का आरक्षण का संवैधानिक हक़ उनसे छीना गया।’ उनका कहना था, ‘अब हमें पता चला की भाजपा की सहयोगी दल की केंद्रीय मंत्री ने नौकरियों में आरक्षण पर हो रही धांधली पर सरकार का ध्यान क्यों आकृष्ट कराया था।” खरगे ने कहा, ”भारत के संविधान में निहित आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय के प्रावधानों को पूर्णतः लागू करना आवश्यक है। कांग्रेस पार्टी इसीलिए सामाजिक न्याय के लिए जातिगत जनगणना की मांग कर रही है।